निश्चित दूरी पर गोले भी बनाये गये
टिकट काउंटर खुलने पर पहला टिकट लॉकडाउन में तीन माह से फंसे एक व्यक्ति ने बिहार के गया के लिए लिया। टिकटों की बुकिंग के लिए पीआरएस सेंटर में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भी लाइनें खींची गई हैं। ताकि इन लाइनों पर खड़े होकर जब लोग टिकट खरीदें तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके। जबकि पीआरएस सेंटर के बाहर निश्चित दूरी पर गोले भी बनाये गये हैं। वहीं दो माह बाद टिकटों का रिजर्वेशन शुरु कराने के लिए नार्थ सेन्ट्रल रेलवे के प्रयागराज मंडल के सीनियर डीसीएम नवीन दीक्षित भी मौजूद रहे।
सेनेटाइजेशन का इंतजाम नहीं रहा
उन्होंने आरपीएफ स्टाफ को यहां आने वाले लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने का सख्त निर्देश दिया है। इसके साथ ही कहा गया है कि बगैर मास्क के कोई व्यक्ति टिकट की बुकिंग कराने नहीं जा सकेगा। हांलाकि पीआरएस सेंटर में आने वाले लोगों के सेनेटाइजेशन के लिए कोई इंतजाम नजर नहीं आया। गौरतलब है कि एक जून से रेलवे 200 शेड्यूल ट्रेनें चलाने जा रहा है। जिसके के लिए ही आज से टिकटों की बुकिंग रेलवे के आरक्षण केन्द्रों के साथ ही कॉमन सर्विस सेंटरों पर भी शुरु हो गई है। रेलवे की मंशा है कि धीरे.धीरे यात्री सुविधाओ को बढ़ाते हुए सामान्य स्थिति की ओर बढ़ा जायेगा।
यात्रा के दौरान सुरक्षित रहना बड़ी चुनौती
गौतलब है की लॉकडाउन के दौरान लगभग दो महीने से ट्रनों को संचालन बंद है। वही बीच में श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाकर सरकार ने श्रमिकों को राहत देने का काम किया। लेकिन अब दो सौ से अधिक ट्रेनों का संचालन शुरू होने जा रहा है। ऐसे में लोगों के लिए ये बड़ी राहत मिलने जा रही है। वहीं रेलवे की यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती है।