याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता सभाजीत सिंह ने प्रतिवाद किया। याची का कहना है कि पातालपुरी अक्षयवट मंदिर की पूजा अर्चना उसका परिवार पांच सौ सालों से करता आ रहा है। किले में स्थित अक्षयवट मंदिर तक जाने के लिए मार्ग खोलने के नाम पर पातालपुरी मंदिर की दक्षिणी दीवाल गिरायी जा रही है जो याची के अधिकारों का हनन है। अर्जी में मंदिर परिसर की यथास्थिति बनाये रखने की मांग की गयी है।
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