वोटों की गिनती इलाहाबाद के मुंडेरा स्थित नवीन मंडी में करायी जा रही है। सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रॉंग रूम से ईवीएम निकाले गए। मतगणना स्थल पर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किये गए हैं। फूलपुर संसदीय सीट की पांच विधानसभा सीटों की गिनती के लिये पांच अलग-अलग पंडाल बनाए गए हैं, जिनमें 70 टेबलों पर वोटों की गिनती करायी जा रही है।
पिछड़े वोटों पर खेला दांव
19 लाख से अधिक मतदाता वाली फूलपुर लोकसभा सीट पर सबसे अधिक पिछड़े वोटर हैं। इसमें भी पटेल बहुतायत, यही वजह रही कि भाजपा ने वाराणसी से लाकर कौशलेन्द्र सिंह पटेल को टिकट दिया। समाजवादी पार्टी ने नागेन्द्र सिंह पटेल को उतारा। सपा पटेल वोटों में बंटवारे के साथ ही यादव व मुस्लिम वोटों के गठजोड़ से इस सीट को जीतने की रणनीति पर काम कर रही थी। पर इसी बीच अतीक अहमद ने आकर उसका खेल बिगाड़ते दिखे। अतीक के आने से मुस्लिम वोटों के बंटने के पूरे चांसेज थे। अतीक के आने से बीजेपी को फायदा बताया जा रहा था।
बसपा समेत पार्टियों का सपा को समर्थन
सालों बाद ऐसा मौका आया जब बीजेपी को हराने के लिये ही सही राजनीति के दो जानी दुश्मन सपा और बसपा साथ आए। बसपा ने समाजवादी पार्टी को उपचुनाव के लिये समर्थन दे दिया। बसपा के अलावा सपा को वामपंथी दलों, राष्ट्रीय लोक दल, निषाद पार्टी, पीस पार्टी समेत दलों का समर्थन भी मिला।
2014 लोकसभा चुनाव से भी कम हुई वोटिंग
इस बार फूलपुर चुनाव में राजनीतिक दलों खासतौर से बीजेपी की टेंशन इस लिये भी बढ़ी बतायी गयी है, क्योंकि मतदान काफी कम हुआ। जहां 2014 में 52.14 प्रतिशत वोट पड़े थे। इसमें अकेले 52 से अधिक फीसद वोट बीजेपी के तब के प्रत्याशी और वर्तमान यूपी डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने पाया था। रिकॉर्ड तीन लाख से अधिक वोटों से वह जीते थे। उस समय सपा बसपा दोनों ने जितना वोट पाया था दोनों को मिला देने पर भी वह भाजपा से काफी पीछे थीं। पर इसके उलट इस बार महज 38 फीसद ही वोटिंग हुई है।
2014 लोकसभा चुनाव के आंकड़े
कुल मतदान हुआ 52.14 प्रतिशत
केशव प्रसाद मौर्य (BJP) 5 लाख 3 हजार 564 वोट 52.43 प्रतिशत
धरमराज पटेल (SP) 1 लाख 95 हजार 256 वोट 20.33 प्रतिशत
कपिल मुनि करवरिया (BSP) 1 लाख 63 हजार 710 वोट 17.05 प्रतिशत
मो. कैफ (कांग्रेस) 58 हजार 90 वोट 6.05 प्रतिशत