यह था पूरा मामला उस समय कलकत्ता से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली इंडियन एयरलाइन्स फ्लाइट IC 410 ने शाम को करीब 6 बजे लखनऊ एयरपोर्ट से उड़ान भरी। समयानुसार, फ्लाइट को दिल्ली पहुंचने में करीब 15-20 मिनट का समय लगने वाला था। तभी जब विमान अलीगढ़ के ऊपर गुजर रही थी कि विमान में बैठे भोलानाथ पांडेय और देवेंदर नाथ पांडेय नाम के दो शख्स उठकर कॉकपिट की ओर तेजी से बढ़े। फिर पायलट से कहा कि प्लेन हाईजैक किया जा चुका है।
इसके बाद दोनों नेताओं ने विमान को पटना ले चलने को कहा उसके बाद वाराणसी ले चलने को कहा। प्लेन को हाईजैकर्स ने प्लेन में बैठे सभी यात्रियों से अपनी बात कही और उसके बाद इंदिरा जिंदाबाद और संजय जिंदाबाद के नारे भी लगाए। दोनों ने खुद को यूथ कांग्रेस का सदस्य बताया। वह यह भी कहा कि अहिंसा पर भरोसा करते हैं। 20 दिसंबर 1978 को अंजाम दी गई इस घटना के दौरान बोइंग 737 में 132 लोग सवार थे।
हाईजैक के बाद प्लेन वाराणसी हुआ लैंड उस समय दोनों यूथ कांग्रेस के नेताओं ने यात्रियों के साथ विमान को वाराणसी में लैंड किया था। आपातकाल के समय के डी पूर्व मंत्री धरमबीर सिन्हा और एके. सेन भी यात्रा कर रहे थे। और फिर यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामनरेश यादव और हाईजैकर्स के बीच घंटों चली बातचीत के बाद सभी यात्रियों को छोड़ दिया गया। इन हाईजैकर्स की मांग थी कि इंदिरा गांधी को जेल से छोड़ा जाए और संजय गांधी के ऊपर दर्ज सभी मामलों को वापस लिया जाए।
खिलौने वाली बंदूक से किया था प्लेन हाईजैक जब दोनों नेताओं ने खुलासा किया कि वह हाईजैकिंग करने में वह खिलौने वाली बंदूक और क्रिकेट बॉल का इस्तेमाल किया था। बाद में दिए गए इंटरव्यू में भोलानाथ पांडेय ने कहा था कि वह एक प्रकार का राजनीतिक विरोध था। इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी ने 1980 के राज्य विधानसभा चुनाव में भोलानाथ पांडेय और देवेंदर नाथ पांडेय को टिकट देकर सम्मानित किया गया था।