कई खूबियों वाला कॉरीडोर
पूर्वी कॉरीडोर जो लुधियाना से दानकुनी ( बंगाल ) वही पश्चिमी कॉरीडोर दादरी से मुंबई तक होगा। सूबेदारगंज के डीएफसीसी के पूर्वी कॉरीडोर में चलने वाली मालगाड़ियों की निगरानी की जाएगी। इस पूरे कॉरीडोर की लंबाई 1854 किलोमीटर है। इस माह डीएफसीसी के इस कंट्रोल रूम के बनने से मालवाहक गाड़ियों को अलग मार्गो पर संचालित किया जायेगा । पीएम के प्रयागराज आगमन को लेकर डीएफसीसी के कंट्रोल रूम में इन दिनों तैयारियां चल रही हैं। पिछले वर्ष सितंबर से डीएफसीसी के सूबेदारगंज में बनाए गए कंट्रोल रूम से अब तक एक हजार मालगाड़ियों की निगरानी की जा चुकी है।प्रयोग के तौर पर हर रोज औसतन सात से आठ मालगाड़ियां भदान से खुर्जा के बीच चल रही हैं।
माल गाड़ियों के लिए अलग होगा रास्ता
अभी डीएफसीसी के अप लाइन पर ही मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है । जबकि डाउन लाइन में एनसीआर प्रशासन द्वारा डीएफसीसी को कुछ तकनीकी कारणों से अब तक एक भी मालगाड़ी नहीं दी गई है। इसका निर्माण मालगाड़ियों की अवागमन के लिए ही हो रहा है। इसके निर्माण से मालगाड़ी का रास्ता अलग हो जाएगा। 2022 तक लुधियाना से पश्चिमी बंगाल के दानकुनी तक कुल 1854 किमी लंबा यह रूट पूरी तरह तैयार हो जाएगा। अभी इस रूट के न्यू भदान से न्यू खुर्जा तक 18472 किमी तक ट्रायल के रूप में मालगाड़ियां चल रही हैं। कानपुर के निकट भाऊपुर तक इस रूट पर मार्च 2020 तक मालगाड़ियों का अवागमन शुरू हो जाएगी।
चौबीस घंटे होगी निगरानी
उत्तर मध्य रेलवे के पीआरवो अमित मालवीय ने बताया कि कंट्रोल रूम में 24 घंटे अलग-अलग शिफ्ट में मालगाड़ियों की निगरानी की जा रही है। एनसीआर ही नही देश के लिए बड़ी उपलब्धी है। उन्होंने बताया की इसके बनने और पूरी तरह से संचालित होने के बाद ट्रेनों के अवागमन में लेट लतीफी लगभग पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी । बताया की यह विशेष खूबियों वाला है । यहां 11’5 मीटर की कुल चार अलग -अलग एलईडी स्क्रीन कंट्रोल रूम में रहेगी। वर्तमान समय में दो स्क्रीन से न्यू भदान से न्यू खुर्जा तक हो रही निगरानी पंजाब से बंगाल तक कहां- कहां गुड्स ट्रेनें हैं सभी जानकारी इसकी स्क्रीन पर होगी । कंट्रोल रूम से संबंधित रूट के हर स्टेशन सेक्शन और सिगनल पर नजर होगी । कंट्रोल रूम की शुरुआत के बाद हर शिफ्ट में 50 से ज्यादा कर्मचारी तैनात रहेंगे ।