scriptइलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: अपराध में पुलिस चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद भी कर सकती है विवेचना | Police can investigate even after taking cognizance of the chargesheet | Patrika News

इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: अपराध में पुलिस चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद भी कर सकती है विवेचना

locationप्रयागराजPublished: Apr 26, 2022 05:49:33 pm

Submitted by:

Sumit Yadav

यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने आगरा के सुबोध कुमार की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याची का कहना था कि पुलिस चार्जशीट पर मजिस्ट्रेट के संज्ञान लेने के बाद विवेचना का अंत हो जाता है।बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति लिए पुलिस उस केस की पुनर्विवेचना नहीं कर सकती।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: अपराध में पुलिस चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद भी कर सकती है विवेचना

इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: अपराध में पुलिस चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद भी कर सकती है विवेचना

प्रयागराज: अपराध से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पुलिस को संज्ञेय अपराध की अनियंत्रित शक्ति प्राप्त होती है। संज्ञेय अपराध में चार्जशीट दाखिल होने और उसपर मजिस्ट्रेट के संज्ञान लेने के बाद भी पुलिस की विवेचना कर सकती है।इसके लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने आगरा के सुबोध कुमार की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याची का कहना था कि पुलिस चार्जशीट पर मजिस्ट्रेट के संज्ञान लेने के बाद विवेचना का अंत हो जाता है।बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति लिए पुलिस उस केस की पुनर्विवेचना नहीं कर सकती।
याची के मामले में पुलिस ने मजिस्ट्रेट की अनुमति नहीं ली है। इसलिए पुलिस की विवेचना कानूनी प्राधिकार के विपरीत याची का उत्पीड़न है । जिसे रोका जाय। कोर्ट ने दंड प्रक्रिया संहिता के उपबंधो के हवाले से याची के तर्कों को अमान्य कर दिया और कहा कानून में पुलिस को किसी संज्ञेय अपराध की विवेचना जारी रखने पर कोर्ट अवरोध नहीं है।
पुलिस अपने आप अपराध की विवेचना जारी रख सकती है। मौखिक या दस्तावेजी सबूत मिलने की स्थिति में वह पूरक आरोपपत्र दाखिल कर सकती हैं। मालूम हो कि 9 मार्च 19 की रात शिकायत कर्ता भतीजे की बारात में गया था। जैसे ही वह रात ढाई बजे विश्राम करने कमरे में गया,एक लड़का पहले से मौजूद था। अचानक दौड़ा और याची का बैग लेकर भागा।बाहर साथी की मोटरसाइकिल पर सवार होकर भाग गया।
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बैग में 1.4 लाख नकद व सोने चांदी के जेवर व मोबाइल फोन था। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने उसपर संज्ञान भी ले लिया। एक अभियुक्त के पिता ने बयान दिया कि उसके बेटे से जेवर बेच दिये है। याची की दूकान से जेवरात बरामद किए गए।और पुलिस ने स्वयं विवेचना शुरू की।जिसकी वैधता को चुनौती दी गई थी।
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