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प्रयागराज में लगा पोस्टर, समाजवादी पार्टी में इन नेताओं के वापसी की मांग

locationप्रयागराजPublished: Jun 20, 2019 03:51:16 pm

कहा अखिलेश हमारे नेता पर इनके अनुभव की जरूरत

shivpal yadav

akhilesh yadav

प्रयागराज । समाजवादी पार्टी में लंबे समय से चल रही चाचा शिवपाल यादव और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच की लड़ाई के चलते परिवार और पार्टी को सूबे की सियासत में बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है ।पार्टी को विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा। पार्टी में बिखराव के चलते हुए नुकसान का अंदाज़ा अब पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी होने लगा है। प्रयागराज में सपा युवजन सभा के जिला महासचिव की तरफ से पोस्टर लगा कर सपा में शिवपाल यादव सहित अन्य बाहुबली नेताओं की वापसी की मांग की है।

होर्डिंग लगा कर की मांग
सीएमपी डिग्री कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष पीयूष श्रीवास्तव ने गुरुवार को शहर के सिविल लाइन चौराहे पर एक होर्डिंग लगाकर सपा के पूर्व नेताओं की तस्वीरों के साथ पार्टी में वापसी की अपील की होर्डिंग में लिखा सपा में नमी शिवपाल, राजा भैया, मुख्तार अंसारी और अतीक औऱ विजय मिश्रा की कमी है । एक दौर था की शिवपाल यादव प्रदेश की राजनीति में सपा के सर्वे सर्वा थे, लेकिन पार्टी में वर्चस्व की जंग ने पूरे सैफई कुनबे को अलग कर दिया जिससे पुरे प्रदेश में पार्टी बिखर गई ।

शिवपाल के निर्णय बदलने से तकरार बढ़ी
शिवपाल और अखिलेश में मामला तब और बिगड़ गया जब शिवपाल यादव की अगुवाई में बाहुबली मुख्तार अंसारी के बड़े भाई को उनकी पार्टी के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल किया गया और शिवपाल ने उन्हें घोसी से उम्मीदवार घोषित किया लेकिन अखिलेश यादव ने विरोध करते हुए अपना अलग प्रत्याशी उतारा,वहीं शिवपाल ने कानपुर कैंट से अतीक अहमद को टिकट दिया अखिलेश ने अतीक का टिकट काट कर नया नाम घोषित किया।जिसके बाद शिवपाल यादव ने पार्टी अलग होने का ऐलान किया और लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी बना कर मैदान में उतरे जिसका खामियाजा अखिलेश और शिवपाल दोनों को भुगतना पड़ा।

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महागठबंधन को जनता ने नकारा
अखिलेश यादव जहां शिवपाल से पारिवारिक लड़ाई लड़ रहे थे तो वही पार्टी से बाहुबली और दबंग नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा कर समाजवादी पार्टी का नया चेहरा पेश करने की कोशिश में जुटे थे। लेकिन जनता को अखिलेश का यह निर्णय अच्छा नहीं लगा विधानसभा चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा। वही अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिलाकर महागठबंधन का ऐलान किया लेकिन इस चुनाव में भी समाजवादी पार्टी को अपने घर की सीटों को हार कर इसकी कीमत चुकानी पड़ी वहीं शिवपाल यादव खुद अपना चुनाव हार गए।

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दबी जुबान नेता कर रहे शिवपाल की वापसी की मांग
लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार पार्टी में शिवपाल यादव के वापसी की मांग चल रही है। भले ही कोई नेता खुलकर बोलने से बच रहा हो लेकिन सब दबी जुबान शिवपाल की वापसी चाहते हैं।पियूष श्रीवास्तव ने कहा कि पार्टी के संगठन को शिवपाल यादव ने मजबूत किया था उनके बगैर पार्टी का संगठन दोबारा मजबूत नहीं हो सकता। अखिलेश यादव हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं हमारे नेता है ,लेकिन शिवपाल यादव का अनुभव पार्टी के लिए बेहद जरूरी है ।वही बाहुबली चेहरे के नेताओं की वापसी को लेकर उन्होंने कहा कि उन सभी का पार्टी में बड़ा योगदान है।पार्टी में जगह मिलनी चाहिए उन सब ने पार्टी के लिए कई चुनाव जीते है अगर यह सिर्फ बाहुबली और सिर्फ अपराधी थे तो जनता ने इतनी बार क्यों चुना ये जनप्रतिनिधि है कानूनी प्रक्रिया अपनी जगह है वह चलती रहे लेकिन पार्टी को उनका साथ देना चाहिए।साथ ही उन्होंने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव ने हमेशा अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं का साथ दिया उम्मीद हम अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष भी करते हैं।

समाजवाद बाहुबल का समर्थन नहीं करता
समाजवादी पार्टी की होर्डिंग लगने के बाद से राजनीतिक गलियारों में तरह -तरह की चर्चाएं शुरू हो रही है। वहीं सपा के वरिष्ठ नेता अजीत सिंह ने पत्रिका से कहा कि साफ.सुथरी राजनीति अखिलेश यादव की अच्छी पहल रही है।लेकिन संगठन और पार्टी में हर तरह के लोग होते है उन्होंने कहा कि बाहुबल और अपराध का समाजवाद कभी समर्थन नहीं करता लेकिन जिस पार्टी को नेता जी ने मेहनत से बनाया है उसे हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चलाएंगे और कार्यकर्ताओं के मन की बात को जरूर सुनेंगे।

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