पहले जत्थे के साथ ही मॉरीशस का परिवार मानो ख़ुशी का खजाना मिल गया हो । कुछ घंटो के सफ़र में सब कुछ समेत लेने की कोशिश थी। मीरा शर्मा जिनकी जन्मस्थली इलाहाबाद है,वह बात करते – करते मानो रो पड़ेंगी । हाथ जोड़कर सबका अभिवादन कर रही थी । उनके पति सुनील शर्मा उनके साथ थे जो जयपुर के रहने वाले हैं अभी इनका परिवार मॉरीशस में बड़े व्यवसाई है । उन्होंने बताया कि हमने संगम नगरी की जो भव्यता की कल्पना की थी मीरा शर्मा ने बताया कि वह इस शहर के मीरापुर इलाके की रहने वाली उन्होंने इलाहाबादी अंदाज में कहा कि’ हम केहू के नाही भूले और ना कौनो बात भूले है।
मीरा शर्मा दस साल बाद अपने शहर में आई थी। उन्होंने कहा कि मैं इलाहाबाद की स्वच्छता को देखकर हैरान हूं कि यह शहर इतना बदल गया। अपना शहर कितना साफ सुथरा हो गया,अपने शहर के लोगों से उन्होंने अपील की इस शहर को ऐसा ही रखें। यह शहर बहुत सालों बाद ऐसा बना है शहर की स्वच्छता ने उस पर चार चांद लगा दिया है। उन्होंने कहा की यहाँ की तहजीब नही बदली जो पहले जैसे ही है । जो आज भी अपनापन दे रही है । मीराशर्मा मीरापुर के बालिका विद्यालय की पढ़ी हुई थी ।
हालांकि उन्हें उसका नाम नहीं याद उन्होंने कहा कि शहर की गलियों में हम प्ले बढ़े है। कभी अपने बाबा के साथ आकर हम यहां गंगा नहाए हैं। लेकिन शादी के बाद ससुराल की परिवार के साथ हमारे साथ हम मॉरीशस चले गए 10 साल पहले अपने भतीजे की शादी में आई थी । उन्होंने बताया कि उनके घर वाले उनसे टेंट सिटी में मिलने आए जो उनके साथ कुछ देर वहां थे उन्हें बचपन वाली ख़ुशी मिली जो बाबा के साथ मिलती थी ।