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घर में गोहत्या सिर्फ कानून-व्यवस्था का मुद्दा सार्वजनिक व्यवस्था का मुद्दा नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट

locationप्रयागराजPublished: Aug 13, 2021 12:56:13 pm

UP cow slaughter case – सीतापुर से एनएसए के तहत हिरासत में लिए गए तीन आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिहा किया

घर में गोहत्या सिर्फ कानून-व्यवस्था का मुद्दा : इलाहाबाद हाईकोर्ट

घर में गोहत्या सिर्फ कानून-व्यवस्था का मुद्दा : इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मुकदमे का फैसला सुनाते वक्त यह कहाकि, घर में छिपकर गाय की हत्या कानून-व्यवथा का मुद्दा हो सकता है पर सार्वजनिक व्यवस्था का ये मुद्दा नहीं है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने सीतापुर से एनएसए के तहत हिरासत में लिए तीन आरोपियों को रिहा करने के आदेश जारी किए।
दायर याचिकाओं पर सुनवाई :- जुलाई 2020 में सीतापुर जिले में कथित गोहत्या के आरोप में इरफान, रहमतुल्लाह और परवेज को गिरफ्तार किया गया था। इन तीनों के परिजनों की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहाकि, गरीबी और रोजगार न होना या भूख की वजह एक घर में चुपके से गाय को काटना कानून-व्यवस्था का मुद्दा हो सकता है पर यह सार्वजनिकतौर पर बड़ी संख्या में गोवंश को काटने जैसा नहीं है।
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दोबारा से घटना दोहराई सुबूत नहीं :- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 5 अगस्त को गोहत्या मामले में एनएसए के तहत गिरफ्तार सीतापुर के तीनों आरोपियों की रिहाई का आदेश देते हुए कहाकि, कैदियों ने फिर से इस तरह की घटना को दोहराया होगा, इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कोर्ट को कोई सबूत नहीं मिले हैं.
एनएसए के तहत सालभर से जेल में बंद :- हाईकोर्ट के अनुसार, एनएसए के तहत नजरबंदी का आदेश तीनों को 14 अगस्त 2020 को दिया गया था, तब से वे सीतापुर जेल में बंद थे। तीनों पर यूपी गोवध रोकथाम अधिनियम, 1955 और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 2013 की धारा 7 की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। तीनों के खिलाफ यूपी गैंगस्टर एक्ट और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत एक और एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
मौके पर गिरफ्तार किए गए:- हाईकोर्ट के दस्तावेज के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि इरफान, रहमतुल्लाह और परवेज, बिसवां गांव के दो कसाई के साथ मिलकर बेचने के लिए गोमांस काट रहे थे। तलगांव पुलिस ने तड़के 5.30 बजे उनके घर पर छापा मार दिया था। जिसके बाद पुलिस ने परवेज और इरफान को बीफ के साथ मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया था।
हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को रिहा किया :- हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि, आरोपी को अपराध के लिए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसी समय उन पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर घर के एकांत में गोमांस काटने का आरोप है। हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को रिहा करने का आदेश देते हुए कहाकि जब तक किसी दूसरे आपराधिक मामले में दोषी न हों तब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
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