-18 मार्च 2020 से पहले की स्थिति होगी बहाल – परंपरागत तरीके से मामलों की होगी सुनवाई – हाईकोर्ट की गाइडलाइन का करना होगा पालन
इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ व लखनऊ बेंच एक मार्च से खुलेग, परंपरागत तरीके से होगी सुनवाई
प्रयागराज. यूपी में हाईकोर्ट से न्याय की आस में बैठे लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। कोरोना संक्रमण की वजह से करीब एक वर्ष से बंद इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ व लखनऊ बेंच एक मार्च से पूरी तरह खुल जाएगा। अधिवक्ता पूरी पारंपरिक ड्रेस में दिखेंगे। जजेज के स्टाफ सहित विभिन्न अनुभागों के सभी कर्मचारी व अधिकारी ड्यूटी पर आने लगेंगे। डेली काजलिस्ट अभी प्रकाशित नहीं की जाएगी, अभी अगले आदेश रोक है। लिस्ट वाले मुकदमे फिलहाल अतिरिक्त काजलिस्ट में नए मुकदमों के साथ छपते रहेंगे।
बढ़ती महंगाई पर यूपी की जनता के दर्द को लेकर प्रियंका गांधी ने भाजपा को दिखाया आईना इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर के आदेशों के तहत जारी एक अधिसूचना के अनुसार, मामलों की फिजिकल सुनवाई उक्त तारीख से नियमित रूप से होगी। रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल के अनुसार, पहली मार्च से हाईकोर्ट पूरी तरह खुलने पर वकील पहले की तरह कोट-बैंड-गाउन पहनकर आएंगे। वकीलों के चैंबर और कैंटीन भी खुल जाएगी। मुंशियों का भी प्रवेश होगा पर वादकारियों को हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश की अभी अनुमति नहीं है। इन पर्सन पेश होने वाले वादकारियों को अंदर जाने दिया जाएगा और जरूरत होने पर उन्हें गेट पास जारी किया जाएगा। कोई यदि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़ना चाहेगा तो उसे ई-मेल व मोबाइल नंबर के साथ केस का डिटेल और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिंक के लिए ई-मेल से प्रार्थना पत्र सुनवाई की तारीख के एक दिन पहले दोपहर एक बजे के पहले तक देना होगा।
सभी अदालतें नियमित रूप से बैठेंगी। मुकदमों, अर्जियों का दाखिला भी पूर्व की भांति फिर से ई मोड के साथ स्टाम्प रिपोर्टिंग सेक्शन में शुरू होगा। अनुभागों से फाइलों को कोर्ट में सेनेटाइजेशन करके भेजा जाएगा। फोटो आईडेंटीफिकेशन सेंटर भी खुल जाएगा। परिसर में शारीरिक दूरी बनाए रखना और मास्क पहनना अनिवार्य होगा। साथ ही पान-गुटखा आदि खाकर थूकना प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा ई-टिकट काउंटर भी पूर्व की भांति खुल जाएंगे। कर्मचारियों की कैंटीन भी पहले की तरह खुल जाएंगी। मौजूदा व्यवस्था के अनुसार वाहनों की पार्किंग बनायी जानी चाहिए, जो कि सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के तहत परिसर के बाहर होगी। रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल का अनुसार अन्य मामलों में 18 मार्च 2020 की स्थिति बहाल होगी।