महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत की जांच के लिए सीबीआइ ने गठित की छह सदस्यीय टीम महंत नरेंद्र गिरि ने 20 सितंबर को अपनी मौत से पहले 18 लोगों से बात की थी। इनमें से दो हरिद्वार के बड़े प्रापर्टी डीलर हैं। हत्या की एक वजह प्रापर्टी हो सकती है इस आधार पर पुलिस के लिए हरिद्वार के दोनों प्रापर्टी डीलर से यह जानना जरूरी है कि आखिरकार महंत से क्या बात हुई थी। बाकी 16 के भी बयान दर्ज होंगे। इसके अलावा उनका सीडीआर (कॉल डीटेल्स रिकार्ड) भी निकाला गया है। ऐसे नंबरों की तलाश है जिनसे मौत से पूर्व के दिनों में काफी बार बात हुई। इसके साथ ही पूरे सितंबर महीने की कॉल डीटेल्स की स्क्रूटनी की जा रही है। पुलिस ने पूछताछ के लिए संदिग्ध लोगों की सूची भी बनाई है। महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में तैनात में सिपाहियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। सिपाहियों पर लापरवाही के साथ ही संपत्ति बनाने का भी आरोप है।
महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध हत्या मामले में कई पेंच हैं। कई अनसुलझे सवाल हैं हर कोई इनका उत्तर जानने को बैचेन है। केन्द्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद इस मामले को सीबीआइ ने अपने हाथ में ले लिया है। और अपनी एक छह सदस्यीय टीम गठित कर जांच शुरू कर ली है। सीबीआई टीम शीघ्र प्रयागराज आएगी। और आने के बाद इस केस की एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर देगी। सीबीआई ने उत्तर प्रदेश पुलिस से अब तक की हुई जांच समेत सभी दस्तावेज मांगे हैं।