महंतई चादर विधि के बाद बलवीर गिरि हो जाएंगे महंत :- महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध आत्महत्या तक बलवीर गिरि निरंजनी अखाड़े के उप महंत के रूप में हरिद्वार स्थित विल्केश्वर महादेव मंदिर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। महंतई चादर विधि के बाद बलवीर गिरि बाघम्बरी गद्दी मठ और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के महंत के रूप में आसीन हो जाएंगे। महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत के आधार पर निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर ने बलवीर को उत्तराधिकारी चुना था। महंत नरेंद्र गिरि निरंजनी अखाड़े के सचिव भी थे।
सचिव का पद के लिए होगा अभी मंथन – निरंजनी अखाड़े के सचिव का पद अभी बलवीर गिरि को नहीं दिया जाएगा। वैसे तो निरंजनी अखाड़े में चार सचिव होते हैं। मौजूदा समय निरंजनी अखाड़े के तीन सचिव महंत रवींद्र पुरी, महंत राम रतन गिरि और महंत ओंकार गिरि हैं। महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद एक पद रिक्त हो गया है। षोडशी संस्कार के बाद इस पद पर नई नियुक्ति के लिए मंथन होगा।
महंत बलवीर गिरि के लिए बड़ी चुनाती :- बाघंबरी मठ की गद्दी संभालते ही महंत बलवीर गिरि के समक्ष कई चुनौतियां सामने मुंह खोले खड़ी है। महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद से मठ में हर व्यक्ति एक दूसरे पर अविश्वास कर रहा है। सीबीआई जांच चल रही है। भक्त, अनुयायी, सेवकगण सभी में एक दहशत का माहौल है। उपर से एक सवाल क्या महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की थी? महंत बलवीर गिरि कैसे सभी के मन की मीत बन पाते हैं। यह तो आगे का वक्त बताएगा। साथ ही मठ की अपार सम्पति, आनन्द गिरि को नए महंत बलवीर गिरि कैसे संभालते हैं, यह उनके लिए बड़ी चुनौती है।