पैरा क्रिकेट खिलाड़ी ने ललित ने बताया कि दिव्यांग कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया में खेलते हुए वह आज दिव्यांग क्रिकेट इंटरनेशनल में ऑलराउंडर क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। इंटर नेशनल प्लेयर ललित पाठक के क्रिकेट की शुरुआत संगमनगरी की गलियों से हुई। ट्रेन हादसे में दोनों पैर गवांने के बाद इनका क्रिकेट के प्रति रुझान दिन प्रतिदिन बढ़ता गया।
दिव्यांगता नहीं बनी बाधा
ललित ने बताया कि आगे बढऩे में दिव्यांगता आड़े नहीं आती। पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है। मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। इसी को ध्येय वाक्य बनाकर क्रिकेट खेलता रहा। और कभी विकलांगता को खेल के आड़े नहीं आने दिया। कड़ी मेहनत के बाद आज इस मुकाम पर हैं।
ललित ने बताया कि आगे बढऩे में दिव्यांगता आड़े नहीं आती। पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है। मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। इसी को ध्येय वाक्य बनाकर क्रिकेट खेलता रहा। और कभी विकलांगता को खेल के आड़े नहीं आने दिया। कड़ी मेहनत के बाद आज इस मुकाम पर हैं।
हादसे से विपत्तियों का टूट पड़ा था पहाड़
हादसे के बाद परिवार पर भी विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा था। लेकिन उस पर भी हिम्मत नहीं हारी और कई जगह काम की तलाश में गए लेकिन कोई काम देने को तैयार नहीं हुआ था। फिर इंटरनेशनल क्रिकेट को ही अपना कॅरियर बना लिया। 2017 में त्रिकोणीय टूर्नामेंट में नेपाल,भारत, और बांग्लादेश क्रिकेट खेलने गया। इसके बाद 2018 में गोरेगांव स्टेडियम मुंबई, बिलेट्राल सीरीज भारत और बांग्लादेश के साथ-साथ कई नेशनल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट में बल्ले का जौहर दिखाकर मैडल अपने नाम किया।
हादसे के बाद परिवार पर भी विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा था। लेकिन उस पर भी हिम्मत नहीं हारी और कई जगह काम की तलाश में गए लेकिन कोई काम देने को तैयार नहीं हुआ था। फिर इंटरनेशनल क्रिकेट को ही अपना कॅरियर बना लिया। 2017 में त्रिकोणीय टूर्नामेंट में नेपाल,भारत, और बांग्लादेश क्रिकेट खेलने गया। इसके बाद 2018 में गोरेगांव स्टेडियम मुंबई, बिलेट्राल सीरीज भारत और बांग्लादेश के साथ-साथ कई नेशनल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट में बल्ले का जौहर दिखाकर मैडल अपने नाम किया।
2019 में यूपी पैराक्रिकेट टीम के कप्तान बने
ललित के नेशनल और इंटरनेशनल क्रिकेट परफॉर्मेंस को देखते हुए जून 2019 में उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया। इसके बाद से क्रिकेट का सफर दिन पर दिन आगे बढ़ता गया। ललित पाठक ने बताया कि मेरा क्रिकेट खेलने के साथ-साथ माउंट एवरेस्ट को फतेह करने का सपना है।
ललित के नेशनल और इंटरनेशनल क्रिकेट परफॉर्मेंस को देखते हुए जून 2019 में उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया। इसके बाद से क्रिकेट का सफर दिन पर दिन आगे बढ़ता गया। ललित पाठक ने बताया कि मेरा क्रिकेट खेलने के साथ-साथ माउंट एवरेस्ट को फतेह करने का सपना है।