प्रयागराज खुशखबरी देने आया हूं
पीएम ने कहा की तप, तपस्या संस्कृति और संस्कार की धरती तीर्थराज प्रयाग के जन.जन को मेरा सादर प्रणाम जब भी प्रयागराज आने का अवसर मिलता है तो मन और मस्तिष्क में एक अलग ही ऊर्जा का संचार होता है। आज मैं आप सभी को एक खुशखबरी देने आया हूं। इस बार अर्धकुंभ में सभी श्रद्धालु अक्षय वट के दर्शन कर सकेंगे। जो कई पीढ़ियों से किले में बंद था।इस बार यहां आने वाला हर श्रद्धालु स्नान करने के बाद अक्षयवट के दर्शन का भी प्राप्त कर संकेंगा। सरकार ने कुंभ के दौरान कनेक्टिवटी से लेकर यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया है। हमारा प्रयास प्रयागराज तक आने वाले हर रास्ते को मजूबत करने का सुधारने का है। चाहे वो रेलमार्ग हो या एयर कनेक्टिविटी हो या फिर सड़कों को सुधारने की बात हो।
टर्मिनल को रिकॉर्ड एक साल के भीतर बनाया गया
कुंभ को ध्यान में रखकर रेलवे मंत्रालय इस बार भी अनेक नई ट्रेनें चलाने जा रहा है। अभी शहर के बड़े फ्लाईओवर रेलवे.ओवरब्रिज और अंडरपास बिजली व पेयजल की जिन परियोजनाओं का लोकार्पण मैंने किया है उससे यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर और क्नेक्टिविटी दोनों ही सुधरेगी। इस कार्यक्रम के बाद मैं यहां से आपके प्रयागराज एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन करने भी जा रहा हूं। इस नए टर्मिनल को रिकॉर्ड एक साल के भीतर बनाया गया है। इस टर्मिनल से यात्रियों की सुविधा तो बढ़ेगी हीए देश के कई शहरों से प्रयागराज की कनेक्टिविटी भी बढ़ जाएगी
अर्धकुंभ में तप से तकनीक तक के हर पहलू का अनुभव मिलेगा
सरकार का प्रयास है कि इस बार अर्धकुंभ में तप से तकनीक तक के हर पहलू का अनुभव दुनियाभर के लोगों को मिल सके।अध्यात्म आस्था और आधुनिकता की त्रिवेणी कितनी भव्य और बेजोड़ हो सकती है।इसका अनुभव लेकर लोग यहां से जाएं इसकी कोशिश की जा रही है। त्रिवेणी की शक्ति का एक बड़ा स्रोत हैं मां गंगा। मां गंगा स्वच्छ हों निर्मल हों अविरल हों इसके लिए सरकार तेज़ गति से काम कर रही है।प्रधानमन्त्री ने कहा आज जो प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण हुआ है उसमें गंगा की सफाई और यहां के घाटों के सुंदरीकरण से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं। 1700 करोड़ रुपए की लागत से बने सीवेज.ट्रीटमेंट प्लांट्स से शहर के करीब एक दर्जन नालों को सीधे गंगा जी में बहने से रोका जा सकेगा।
गौरवशाली अतीत के दर्शन और वैभवशाली भविष्य की झलक दिखाने की कोशिश
वहीं नमामि.गंगे परियोजना में करीब डेढ़ सौ घाटों का सौंदर्यीकरण किया जाना है। इसमें से करीब 50 घाटों का काम पूरा हो गया है। केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर ये सुनिश्चित करने में जुटी है कि ये आयोजन दर्शनीय दार्शनिक और दिव्य बने। सरकार का पूरा प्रयास है कि यहां भारत के गौरवशाली अतीत के दर्शन और वैभवशाली भविष्य की झलक दुनिया को दिखने को मिले। कुंभ में आने वाले करोड़ों लोगों के साथ ही करोड़ों विचारों का प्रवाह भी भारत को समृद्ध और सशक्त बनाता रहा है।कुंभ का पर्व भारत और भारतीयता का सबसे बड़ा प्रमाण है। ये पर्व भूषा और भिन्नता को खत्म कर एक होने की प्रेरणा देता है। ये पर्व हमें जोड़ता है ये पर्व गांव और शहर को एक करता है। एक भारत.श्रेष्ठ भारत की सही तस्वीर यहां दिखती है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि यहां आने वाले हर अतिथि का ध्यान रखें। ये आयोजन सिर्फ श्रद्धा नहीं देश की प्रतिष्ठा का भी सवाल है।
देश में न्यायपालिका पर दबाव का खेल शुरू हुआ
पीएम मोदी ने कहा की मैं पवित्र प्रयागराज में आपसे से एक और अहम विषय पर बात करना चाहता हूं। प्रयागराज वो जगह हैं जिसे न्याय का मंदिर भी कहा जा सकता है। कुछ समय से जिस तरह एक बार फिर न्यायपालिका पर दबाव का खेल शुरू हुआ है। उस स्थिति में देश को को सतर्क किया जाना आवश्यक है। देश पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली पार्टी ने हमेशा ही खुद को हर कानून,न्याय.पालिकाए संस्था और यहां तक कि देश से भी ऊपर माना है। देश की हर उस संस्था को इस पार्टी ने बर्बाद कर दिया जो उसकी मर्जी से नहीं चली। उसके इशारों पर काम करने झुकने को तैयार नहीं हुई। इसी मनमानी की वजह से हमारे देश की न्याय प्रणाली को भी कमजोर करने का प्रयास किया गया। इसका सिर्फ एक कारण था कि न्याय.पालिका उन संस्थाओँ में से एक रही है जो इस पार्टी के भ्रष्ट और निरंकुश तरीकों के खिलाफ खड़ी रहती है।
कांग्रेस की सर्वोच्च नेता ने जनमत को अपमानित किया
इस बात को प्रयागराज और यूपी के लोगों से बेहतर कौन जान सकता है कि कांग्रेस को न्याय.पालिका क्यों पसंद नहीं । यूपी के लोग वो दिन याद करें जब इस पार्टी की सर्वोच्च नेता द्वारा यहां जनमत को अपमानित करने काम किया गया था।
क्या ये लोकतंत्र का अपमान नहीं था। कांग्रेस के नेताओं की यह प्रवृत्ति रही है। इस प्रवृत्ति में देश की संवैधानिक संस्थाओँ को पार्टी के आगे हाथ बांधे खड़ा रहने पर मजबूर किया जाता है । जो झुकता नहीं उसे तोड़ने की कोशिश की जाती है। ये उनकी राजशाही सोच है जो उन्हें निष्पक्ष संस्थाओं को बर्बाद करने को उकसाती रहती है। हाल में ही हमने देखा कि कैसे उन्होंने न्याय.पालिका के सर्वोच्च न्यायमूर्ति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की कोशिश की। जजो को ड़राने धमकाने की ये कोशिश उनकी पुरानी सोच का हिस्सा रही है। ये लोग हर संस्था को बर्बाद करने का प्रयास करने के बाद अब लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं।
काग्रेस बार.बार ये साबित किया की वह,लोकतंत्र, न्याय.पालिका से ऊपर
प्रधानमंत्री यही नही रुके उन्होंने कहा की काग्रेस बार.बार ये साबित कर रही हैं कि ये खुद को देश,लोकतंत्र, न्याय.पालिका और यहां तक कि लोगों के भी ऊपर समझते हैं। अभी दो दिन पहले भी हम इसका एक और उदाहरण देख चुके हैं। भारत किस प्रकार बदल रहा है,नया भारत कैसे पौराणिकता और आधुनिकता को समेट रहा है। उसकी झलक अर्धकुंभ में मिलने वाली है। मेरा आप सभी प्रयागवासियों से आग्रह है कि हम आधुनिकता से अध्यात्म को विकास से विश्वास को और सहूलियत से श्रद्धा को जोड़कर कुंभ को सफलतम आयोजन बनाएं