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लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका गांधी को लड़ाने की चर्चा से सियासी गलियारे में बढ़ी हलचल

locationप्रयागराजPublished: Feb 15, 2018 12:05:10 pm

Submitted by:

arun ranjan

पंडित नेहरू इसी सीट को जीत कर बने थे देश के पहले प्रधानमंत्री
 

Phulpur Lok Sabha by-election 2018

फूलपुर लोकसभा उपचुनाव

इलाहाबाद. राजनीति का अखाड़ा कहे जाने वाले फूलपुर लोकसभा सीट से एक बार फिर कांग्रेस से प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने की मांग तेज हो गई है। जीरो रोड स्थित जिला कांÛ्रेस कमेटी कार्यालय में कांÛ्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बैठक में प्रियंका Ûांधी के नाम पर भी चर्चा उठी। हालांकि प्रियंका गांधी उपचुनाव में मैदान में उतरेंगी कि नहीं यह निर्णय हाईकमान को करना है।

फूलपुर लोकसभा सीट कांग्रेस की ऐतिहासिक सीट मानी जाती है। पहली बार प्रियंका गांधी के परनाना पंडित जवाहर लाल नेहरू फूलपुर लोकसभा सीट से ही शानदार जीत दर्ज कर देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। आजादी के बाद से अब तक इस सीट पर सर्वाधिक सात बार कांगे्रस का कब्जा रहा है। बीजेपी ने पहली बार 2014 लोकसभा चुनाव में फूलपुर सीट को जीता था। उस दौरान केशव प्रसाद मौर्या फूलपुर से सांसद चुने गए थे।

बाद में डिप्टी सीएम बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्या को यह सीट छोड़नी पड़ी थी। 11 मार्च को इसी फूलपुर लोकसभा पर उपचुनाव होना है। चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। ऐसे मंे बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्ष ने पूरी ताकत झोंक दी है। हालंाकि अभी तक किसी भी पार्टी ने प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है। इसी क्रम में बुधवार को फूलपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की एक बैठक आयोजित हुई।

इस दौरान एनडीए सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए प्रियंका का फूलपुर से चुनाव लड़ने को जरूरी बताया गया। जीरो रोड स्थित जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बैठक में प्रियंका गांधी के नाम पर भी चर्चा उठी। उस दौरान प्रस्ताव मंे उनका भी नाम भेजने की बात को लेकर कार्यकर्ताओं में मतभेद जरूर देखने को मिला। लेकिन कार्यकर्ता इस बात पर एक मत नजर आए कि प्रियंका गांधी पर हाईकमान को सोचना चाहिए।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व्र प्रदेश प्रवक्ता अभय अवस्थी ने बताया कि बैठक मंे कुछ कार्यकताओं ने प्रियंका गांधी जी को फूलपुर उपचुनाव में जरूर उतारने की मांग की है। प्रियंका के लिए नारेबाजी भी हुई। हालंाकि उनके नाम पर पार्टी कमान ही अंतिम फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि अगर फूलपुर उपचुनाव में पार्टी प्रियंका जी को टिकट देती है तो 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़ा दर्शन पर प्रियंका का हथौड़ा दर्शन जरूर देखने को मिलेगा।

कांग्रेस से पंडित नेहरू ने डाली थी फूलपुर में जीत की नींव

फूलपुर लोकसभा सीट 1952 में कांग्रेस को पंडित जवाहर लाल नेहरू की शानदार जीत के साथ विरासत में मिली थी। फूलपुर लोकसभा सीट ने पंडित नेहरू को देश का पहला प्रधानमंत्री बनने का गौरव दिया। 1964 तक पंडित नेहरू का फूलपुर सीट से सांसद रहे। 1984 में फूलपुर सीट पर कांग्रेस आखिरी जीत थी। कांग्रेस यहां सर्वाधिक सात बार जीत दर्ज कर चुकी है।

जबकि सपा चार बार, बीजेपी एक बार, बीएसपी एक बार, जनता दल दो बार, एसएसपी एक बार, बीएलडी एक बार व जेडीएस एक बार जीती है। सर्वाधिक सात बार जीत दर्ज करने के कारण यह सीट कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है। ऐसे में कांग्रेस इस बार अपनी खोयी प्रतिष्ठा को पाने के लिए पूरी ताकत झोंकती नजर आएगी। माना जा रहा है कि फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सीट पर जीत दर्ज करने के लिए इस बार कांग्रेस गठबंधन की राह तलाश रही है।

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