प्रोफ़ेसर हुए थे जमात में शामिल
शहर के रसूलाबाद इलाके के रहने वाले प्रोफेसर शाहिद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर हैं ।देश और दुनिया भर में अपने लेक्चर और क्लासेस के लिए जाते रहते हैं। प्रोफेसर शाहिद दिल्ली के निजामुद्दीन हुई तबलीगी जमात में सम्मिलित हुए थे। बुधवार कि रात पुलिस ने उन्हें कोरोना संदिग्ध मानते हुए क्वॉरेंटाइन कराया था। पुलिस की पूछताछ में प्रोफेसर से मिली जानकारी के मुताबिक सात इंडोनेशियाई नागरिकों के साथ एक केरल व एक पश्चिम बंगाल के युवक को उन्होंने प्रयागराज में पनाह दिलाई थी।
मिर्जापुर के मौलाना ने नही दी पनाह
पुलिस के मुताबिक सभी इंडोनेशियाई युवक तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से दिल्ली से बिहार जा रहे थे। लेकिन इस दौरान डाउन घोषित होने के बाद बिहार नहीं जा सके। इस दौरान इंडोनेशियाई जमातियों ने मिर्जापुर के एक मौलाना से संपर्क किया लेकिन वहां उन्हें पनाह नहीं मिली। इसके बाद जमातियों ने प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद से संपर्क साधा और उन्होंने सभी को प्रयागराज में रुकने की व्यवस्था कराई ।अब्दुल्लाह मस्जिद मुतवल्ली वसीम ने सबके रहने ठहरने का इंतजाम प्रयागराज में किया।
कोरोना रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई
एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि मोहम्मद शाहिद मई और दिसंबर 2019 को इथोपिया गए थे। इनकी कोरोना संबंधी रिपोर्ट आने के बाद उनके भाई व परिवार के संबंध में जानकारी जुटाई जाएगी। साथ ही इंडोनेशियाई युवकों को यह रुकवाने और पुलिस को इसकी जानकारी न देने के मद्देनजर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।