scriptसड़कों का उचित रखरखाव भी मौलिक अधिकार हाईकाेर्ट में याचिका दर्ज | Proper maintenance of roads has also been fundamental rights HC | Patrika News

सड़कों का उचित रखरखाव भी मौलिक अधिकार हाईकाेर्ट में याचिका दर्ज

locationप्रयागराजPublished: Dec 19, 2020 07:26:39 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

सड़क के खराब रख-रखाव को दुर्घटना का कारण बताकर मुरादाबाद के एक परिवार ने अपने बेटे की माैत के लिए निगम की लापरवाही काे जिम्मेदार माना है और एक कराेड़ रुपये मुआवजे की मांग की है। हाइकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है।

Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट का सख्त आदेश कहा, लिव इन रिलेशनशिप की इजाजत है, अवैधानिकता की नहीं

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
इलाहाबाद ( allahabad ) सड़कों का उचित रखरखाव भी मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है. मौलिक अधिकारों पर जोर देते हुए मुरादाबाद के एक परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court ) में याचिका दायर की है। खराब रखरखाव को दुर्घटना ( road accident) का कारण बताते हुए बेटे की मौत के लिए एक करोड रुपए धनराशि मुआवजे के रूप में मांगी है।
यह भी पढ़ें

employment alert सिर्फ नौकरी ही नहीं स्वरोजगार में भी मदद करता है ये सरकारी विभाग

दरअसल मुरादाबाद के इस परिवार के बेटे अपार शुक्ला की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. यह सड़क दुर्घटना अचानक वाहन के सामने आए पशु के कारण हुई थी. अब इस मामले में परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और सड़क का रखरखाव करने वाली एजेंसी की लापरवाही बताते हुए मुआवजे की मांग की है।
यह भी पढ़ें

ठंड में सक्रिय हुए वाहन चोर गिरोह, गाड़ी नहीं ताे पहिए ही कर रहे चाेरी

अपार शुक्ला एक ऐसी दुर्घटना के शिकार हुए थे जिसका कारण एक आवारा सांड था। परिवार ने जो दावा किया है उसके मुताबिक सड़क के रखरखाव में भारी लापरवाही बरती गई थी. सड़क पर जानलेवा पॉट हॉल खुला हुआ था। आवारा जानवर वहां घूम रहे थे और स्ट्रीट लाइट भी नहीं जल रही थी जिससे वहां पर अंधेरा था।
यह भी पढ़ें

थाने के सामने युवकों ने की सरेआम फायरिंग, वीडियो वायरल

आवारा सांड को बचाने के चक्कर में उनका बेटा खुले मेन हॉल में गिर गया और इससे उनकी मौत हो गई। परिवार ने जो याचिका दायर की है उसमें सड़कों के उचित रखरखाव के निर्देश जारी करने की मांग के साथ-साथ नगर निगम से एक करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है। इस मामले में पीड़ित परिवार के वकील ने अलग-अलग याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर हुए आदेशों को नजीर के रूप में पेश करते हुए पूरी घटना को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है। हाईकोर्ट ने पीड़ित परिवार की याचिका को स्वीकार कर लिया है
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो