प्रदर्शन कर रहे आइसा के राष्ट्रीय सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि पूरे देश व प्रदेश में बेरोजगारी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन सरकार युवाओं को रोजगार देने के नाम पर बरगला रही है। केंद्र में आई मोदी सरकार के चार साल पूरे होने को हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया नहीं हुई। आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में पिछले दस सालों की सबसे न्यूनतम रोजगार दर देखी गई। सरकार द्वारा चालू की गई बहुप्रचलित योजनाएं भी बस ‘ढाक के तीन पात’ बनकर रह गई। आइसा नेता रणविजय विद्रोही ने कहा कि शहरों में लगातार छात्रों व रोजगार अभ्यर्थियों की संख्या बढती जा रही है। लेकिन सरकारों की तरफ से कोई भी विज्ञप्ति नहीं निकल रही है। रोजगार अधिकार आन्दोलन के नेता विवेक वर्मा व मनमोहन सिंह ने कहा कि भर्ती आवेदन पत्रों के शुल्कों में लगातार बढ़ोत्तरी कर रही है और तमाम भर्तियों के आवेदन शुल्क को दुगना कर दिया गया है।
रोजगार अधिकार आन्दोलन व आइसा नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि आयोगों की बहाली नहीं हुई तो 23 जनवरी से लखनऊ, इलाहाबाद समेत पूरे प्रदेश में व्यापक आन्दोलन किया जायेगा। प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार लोगों में सुनील मौर्य, अंतस सर्वानन्द, शैलेश पासवान, अलिक मौर्य, यश आदित्य, शक्ति रजवार, राजेश सचान, अनिल सिंह संगीता पाल, उदय लोधी, दिगेंद्र, अरविन्द मौर्य, विवेक कुमार वर्मा, मनमोहन सिंह यादव, रणविजय विद्रोही, विकास, संजय सिंह, अमित कुशवाहा, गंगाधर प्रजापति छात्र युवा शामिल रहे।