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इलाहाबाद हाईकोर्ट: द्वादश माधव मंदिरों के जीर्णोद्धार को लेकर जनहित याचिका दाखिल, 22 जुलाई को होगी सुनवाई

locationप्रयागराजPublished: May 21, 2022 01:30:49 pm

Submitted by:

Sumit Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका संत हरि चैतन्य ब्रह्मचारी व अन्य की तरफ से दाखिल की गई है। याचिका पर अधिवक्ता वी सी श्रीवास्तव ने याची की तरफ से अपना पक्ष रखा तथा कहा तीर्थराज प्रयाग में द्वादश माधव मंदिरों का अपना एक अलग महत्व है और संतों, महात्माओं व तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए इन मंदिरों का जीर्णोद्धार व पहुंच मार्ग बनाना जरूरी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट: द्वादश माधव मंदिरों के जीर्णोद्धार को लेकर जनहित याचिका दाखिल, 22 जुलाई को होगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट: द्वादश माधव मंदिरों के जीर्णोद्धार को लेकर जनहित याचिका दाखिल, 22 जुलाई को होगी सुनवाई

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीर्थराज प्रयागराज की प्राचीन द्वादश माधव मंदिरों के जीर्णोद्धार व वहां तक आने-जाने के लिए मार्ग बनाने को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने याची को एक संशोधित याचिका दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने इसी के साथ इस जनहित याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई करने को कहा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका संत हरि चैतन्य ब्रह्मचारी व अन्य की तरफ से दाखिल की गई है। याचिका पर अधिवक्ता वी सी श्रीवास्तव ने याची की तरफ से अपना पक्ष रखा तथा कहा तीर्थराज प्रयाग में द्वादश माधव मंदिरों का अपना एक अलग महत्व है और संतों, महात्माओं व तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए इन मंदिरों का जीर्णोद्धार व पहुंच मार्ग बनाना जरूरी है।
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यह कहा जाता है कि प्रयागराज के प्रधान देवता माधव हैं। इन मंदिरों का जीर्णोद्धार करने के लिए कुंभ के दौरान राज्य सरकार ने एक योजना बनाई थी, जिसमें मंदिरों तक पहुंचने के लिए सड़क बनाए जाने का प्रावधान था। इसके साथ ही पर्यटन विभाग को 2.96 करोड़ रुपये द्वादश माधव मंदिरों के अलावा कुछ अन्य प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बजट मिला। इस पैसे से कुछ ही मंदिरों में काम हो सका था। इसके अलावा इन मंदिरों तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग भी नहीं है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के निर्माण के बाद भगवान ब्रह्मा ने द्वादश माधव की स्थापना की थी। वर्ष 1987 से पूर्व इनकी परिक्रमा होती रही, परंतु 1987 के बाद प्रयागराज स्थित द्वादश माधव मंदिरों की परिक्रमा बंद हो गई।

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