scriptPWD हाउसिंग सोसायटी के सीईओ व सचिव के खिलाफ करोड़ों की वसूली पर रोक, कोर्ट की अन्य खबरें | PWD Housing society CEO and Secretary got big relief from allahabad HC | Patrika News

PWD हाउसिंग सोसायटी के सीईओ व सचिव के खिलाफ करोड़ों की वसूली पर रोक, कोर्ट की अन्य खबरें

locationप्रयागराजPublished: Jul 25, 2018 10:42:34 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

कोर्ट ने कहा- सोसायटी के खिलाफ बकाये की वसूली उसके कर्मचारी से नहीं की जा सकती।

Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पी डब्ल्यू डी सहकारी हाऊसिंग सोसायटी लिमिटेड के सीइओ व सचिव के खिलाफ 18 करोड़ 96 लाख 45 हजार 856 रूपये की वसूली पर रोक लगा दी है और कहा है कि सोसायटी के खिलाफ बकाये की वसूली उसके कर्मचारी से नहीं की जा सकती।
कोर्ट ने कहा है कि याची से बेटरमेन्ट चार्ज भी न लिया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय तथा न्यायमूर्ति सी डी सिंह की खण्डपीठ ने पी डब्ल्यू डी सहकारी हाऊसिंग सोसायटी व उसके सचिव की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका में आवास विकास परिषद कानपूर नगर ने वसूली नोटिस जारी की थी।जिसे चुनौती दी गयी थी।
कोर्ट ने सचिव से कहा है कि वह सोसायटी के कार्यो की सूचना उपलब्ध कराए। याची का कहना था कि वह सोसायटी का एक कर्मचारी है।सोसायटी पर बकाये की वसूली सोसायटी या उसके सदस्य से की जा सकती है।याची सदस्य नही है। उसके खिलाफ जारी वसूली नोटिस अवैध है।
दहेज उत्पीड़न आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज उत्पीड़न व मारपीट के आरोपी सत्यम स्वरूप व अन्य की विश्वसनीय साक्ष्य मिलने तक या पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। याची के खिलाफ बरेली के इज्जतनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है जिसकी वैधता को चुनौती दी गयी थी।
कोर्ट ने दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति आर.डी.खरे तथा न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की खण्डपीठ ने दिया है। याचिका पर अधिवक्ता शिवम द्विवेदी ने बहस की। याची ने अपनी पत्नी को साथ रखने के लिए धारा-9 हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत मुकदमा कायम किया। इसके बाद पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है। आरोप मनगढ़ंत व झूठे हैं। याची की मां को भी आरोपी बनाया है। सामान्य आरोप लगाये हैं। दुर्भावनापूर्ण ढंग से दर्ज प्राथमिकी रद्द की जाए।
देरी से दाखिल याचिका खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जन स्वास्थ्य कल्याण समिति हनुमानगंज इलाहाबाद की याचिका काफी विलम्ब से दाखिल करने के आधार पर खारिज कर दी है। याचिका में 1977 से 2002 तक जन स्वास्थ्य रक्षक के रूप में किये गए कार्य का 50 रूपये प्रतिमाह बकाया मानदेय के भुगतान की मांग में 2018 में दाखिल की गयी थी। 2002 में यह स्कीम बन्द कर दी गई। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि याची इतने वर्षों तक बकाये के भुगतान की मांग क्यों नही की।
by- court corrospondence

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