(Railway Ministry big decision) रेलवे बोर्ड ने भेजा पत्र (Railway Ministry big decision)केंद्रीय वित्त मंत्रालय के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल की सिफारिशों के बाद रेलवे बोर्ड ने अपनी सिफारिशें भेज दी हैं। प्रयागराज में मुख्यालय उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) सहित सभी जोनल रेलवे को इस आशय के पत्र भेज दिए गए हैं। भारतीय रेलवे वर्तमान में रेलवे कर्मचारियों के बच्चों के साथ-साथ गैर-रेलवे कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए देशभर में 94 स्कूल चलाता है। 2019 तक, देशभर में के इन स्कूलों में रेलकर्मियों के कुल 15,399 बच्चे नामांकित थे। (Railway Ministry big decision)जबकि गैर-रेलवे के 34277 बच्चे पंजीकृत थे। रेलवे बोर्ड के अनुसार देश के 87 केंद्रीय विद्यालयों में 33,212 बच्चे रेलवे कर्मचारियों के पढ़ रहे थे। रेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दो प्रतिशत से भी कम रेलवे कर्मियों के बच्चे रेलवे स्कूल में पढ़ते हैं।
(Railway Ministry big decision) क्यों बने थे रेलवे स्कूल रेल मंत्रालयों ने जब इन स्कूलों को स्थापित किया तब रेलवे की जहां कार्यशालाएं या फिर जहां रेल लाइनें बिछी थीं वहां न तो स्कूल थे और न ही बाजार। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। अब रेलवे कॉलोनियोंं के आसपास ढेर सारे स्कूल हैं।
(Railway Ministry big decision)पांच साल पहले की सिफारिश 2015 में भी रेलवे स्कूलों को बंद करने की सिफारिश थी की थी। रेलवे के पुनर्गठन पर विवेक देबरॉय समिति (2015) ने भी रेलवे स्कूलों को बंद करने की भी सिफारिश की थी।
(Railway Ministry big decision)सिफारिश में यह बातें सान्याल की सिफारिशों में कहा गया है कि जहां केवीएस रेलवे स्कूल नहीं चला सकता, वहां उन्हें संबंधित राज्य सरकारों को सौंपा जा सकता है। इसके अलावा जहां उपयुक्त हो वहां सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर भी स्कूल चल सकते हैं। जहां कोई विकल्प नहीं है वहां भारतीय रेलवे अपने स्कूल चला सकता है।
(Railway Ministry big decision)क्या कहते हैं जिम्मेदार इस संबंध में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ), एनसीआर, डॉ शिवम शर्मा का कहना है कि हमें बोर्ड से पत्र मिला है और बोर्ड के निर्देशों के अनुसार उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे।