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एनसीआर ने इंजनों से बिजली बनाकर एक साल में बचाये 64 करोड़ रुपए

locationप्रयागराजPublished: Jun 08, 2019 01:04:51 am

 
देशभर में सर्वाधिक विद्युत पुनरूत्पादन का रिकॉर्ड

मध्यप्रदेश में अभी बिजली की डिमांड साढ़े पांच से छह हजार मेगावॉट है।

मध्यप्रदेश में अभी बिजली की डिमांड साढ़े पांच से छह हजार मेगावॉट है।

प्रयागराज। नार्थ सेन्ट्रल रेलवे ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर एनवायरनमेण्ट एण्ड हाउस कीपिंग मैनेजमेन्ट का गठन कर दिया है। नार्थ सेन्ट्रल रेलवे पर्यावरण संरक्षण पर प्रति वर्ष सौ करोड़ का बजट भी खर्च कर रहा है। इस बात की जानकारी नार्थ सेन्ट्रल रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने दी है। उन्होंने कहा है कि एनसीआर ने विद्युत इंजनों से ऊर्जा पुनरोत्पादन कर 11.4 करोड़ यूनिट बिजली की रिकार्ड बचत करते हुए 64 करोड़ रुपये बचाये हैं, जो कि भारतीय रेलवे में सर्वाधिक है। एनसीआर के इस प्रयास से वर्ष 2018-19 में 93562 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आयी है। इसके साथ ही एनसीआर ने पिछले वर्ष जहां 475 किमी रेल खंड का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया था। वहीं इस वर्ष 575 किमी रेलखंड के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।

जीएम राजीव चौधरी के मुताबिक बिजली की बचत के लिए एनसीआर ने अभी 10 मेगावाट के प्लांट लगा रखे हैं। जबकि भविष्य में इसकी क्षमता बढ़ाये जाने की योजना है। उन्होंने कहा है कि हर वर्ष सौर उर्जा से दो करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है जिससे 12 करोड़ रुपये की प्रति वर्ष बचत भी हो रही है। इसके साथ ही रेलवे की सभी बिल्डिंगों और 433 कोचेज में एलईडी लाइट भी लगा दी गई है। जिससे भी बिजली की बचत हो रही है। इसी तरह पानी बचाने के लिए भी रेलवे ने कई कारगर कदम उठाये हैं। पिछले वर्ष जहां दस लाख पौधों का रोपण एनसीआर में किया गया था। वहीं इस वर्ष वन विभाग के सहयोग से 11 लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके साथ ही बीस लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट चल रहे हैं जिसकी क्षमता और बढ़ाये जाने की भी तैयारी चल रही है। साथ ही चार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की संख्या भी बढ़ाने की योजना पर काम हो रहा है।
भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने के लिए 60 रेन वाटर हार्वेस्टिंग से बढ़ाकर 210 करने की योजना पर भी तेजी से काम हो रहा है। वहीं अन्तर्राष्ट्रीय समपार दिवस के मौके पर जीएम एनसीआर राजीव चौधरी ने कहा है कि जनवरी 2019 में मानव रहित क्रासिंग खत्म हो गयी है। लेकिन इसके बाद भी रेलवे मानव युक्त क्रांसिंग को खत्म करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने इस मौके पर लोगों को क्रांसिंग पार करते समय सावधानियां बरतने के लिए जागरुक करने की भी अपील की है।

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