याची अधिवक्ता का कहना था कि छात्रा के साथ स्वामी ने लंबे समय तक दुराचार किया और विरोध करने पर उसे ब्लैकमेल के आरोप में झूठा फंसाया गया है। मामले की जांच कर रही एस आई टी ने छात्रा द्वारा नई दिल्ली, लोधी थाने में की गई शिकायत की प्राथमिकी दर्ज नहीं की है और मामले की ठीक से विवेचना नहीं की जा रही है। छात्रा का लगातार शोषण किया गया और उसे ही आरोपी बनाकर जेल में डाल दिया गया है ।
जबकि चिन्मयानंद की तरफ से कहा गया कि आरोपी छात्रा ने अपने मित्रो के साथ 5 करोड रुपए की रंगदारी मांगी और स्वामी चिन्मयानन्द को बदनाम करने की धमकी दी। जिसकी रिकॉर्डिंग एसआईटी को सौंपी गई है । 5 करोड़ रुपए नहीं देने के कारण छात्रा ने चिन्मयानंद के खिलाफ दुराचार का झूठा आरोप लगाया है। एसआईटी ने मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है । छात्रा वीडियो क्लिपिंग की मूल कॉपी छिपा रही है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने केस की मेरिट पर कोई अभिमत न देते हुए पीड़ित छात्रा की जमानत अर्जी मंजूर कर लिया है।
BY- Court Corrospondence