पहली बार परीक्षाओं में बन रहा रिकोर्ड
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा वर्तमान वर्ष में बीते 6 फरवरी से शुरू हो चुकी है ।जबकि अब तक कभी ऐसा नहीं हुआ हो हुआ, कि बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी के पहले सप्ताह में शुरू हुई हो। बोर्ड की मानें तो 2015 में 19 फरवरी से परीक्षाएं शुरू हुई थी। और 2016 में 18 फरवरी से परीक्षाएं शुरू कराई गई थी ।लेकिन 2015 का परिणाम 17 और 2016 का परिणाम 15 मई को घोषित हुआ था । जबकि इस बार 12 मार्च में ही सारी परीक्षाएं खत्म होने जा रही है।और यह माना जा रहा है, कि अप्रैल के आखिर तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे ।और इस बार उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी 15 दिन में ही समाप्त कर दिया जाएगा।
बोर्ड की परीक्षा में सरकार की सक्रियता देखने लायक
यूपी सरकार में जिन मुद्दों पर सरकार बनी उनमे शिक्षा प्रणाली के सुधार का भी वादा था।हालाकि पढाई के दौरान स्कूलों में बदलाव देखने को कम ही मिला। लेकिन बोर्ड परीक्षा की तारीख और कार्यक्रम घोषित करने साथ ही सरकार की सक्रियता बोर्ड इग्जाम के लिये जिस तरह देखने को मिल रही है। पहली बार एसा हो रहा है जब खुद उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा परीक्षा केन्द्रों पर पहुच रहे है । इन सभी कार्यो से बोर्ड अपना रिकार्ड बना रहा है । वही अब यह भी कहा जा रहा है, कि तारीख और कार्यक्रम की घोषणा की तरह इस बार बोर्ड परिणाम घोषित करने का भी इतिहास रचेगा।बोर्ड के सूत्रों की माने तो यूपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम अप्रैल के अंत तक आने की संभावना है । जिस की प्रक्रिया शुरू कर दी गई इसका ऐलान परीक्षा के बाद मुल्याकान शुरू होते ही कर दिया जाएगा।
अब तक दस लाख ने छोड़ी परीक्षा
जानकारी के अनुसार यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में 2015 में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 25 दिन में पूरी कर ली गई थी । और उनका परिणाम 32 दिनों में घोषित किया जा चुका था । 2015 की परीक्षा में कुल 68 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे ।और उस समय 60 लाख परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे । जबकि इस बार लगभग 66लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हुए. जिनमें से अब तक 10 लाख से ज्यादा परीक्षा छोड़ चुके हैं।