केस खुलासे में ऑडियो की मुख्य भूमिका महन्त नरेंद्र गिरि के मौत के मामले में नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि का विवाद का मुख्य कारण है। आनंद गिरि और नरेंद्र गिरि के बातचीत के ऑडियो से केस में कई पहलुओं पर बात सामने निकलकर आई है। सीबीआई ने धमकी भरे ऑडियो केस खुलासे में अहम भूमिका निभाई है। सीबीआई ने यह मान लिया है कि सुसाइड करने से पहले महन्त नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि से बात की और आनंद गिरि ने महंत को वीडियो के बारे जानकारी देकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की। वीडियो की जानकारी मिलते ही महन्त परेशान हुए और अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए खुदकुशी कर ली।
हरिद्वार से आनंद और नरेंद्र गिरि में हुई थी बहस नरेंद्र गिरि ने जब आनंद गिरि को मठ और मंदिर से निष्कासित कर दिया था तो महन्त आनंद गिरि निराजनीं अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी के यहां हरिद्वार पहुंचा। रविंद्र पूरी ने भी वहीं से फोन के माध्यम से दोनों की बीच समझौता कराने की बात की थी तभी दोनो में फिर से बहस होने लगी और वीडियो की बात आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि को कहा था। यह भी कहा कि अगर वीडियो दिखा दिया तो पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।
आनंद गिरि ने कई वीडियो होने थी धमकी योग गुरु आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि के कई सारे वीडियो और ऑडियो पास होने की बात से धमकी दी थी। इस धमकी के बाद से महन्त नरेंद्र गिरि बहुत दुःखी थे। आनंद गिरि के पास वीडियो होने की बात महन्त ने अपने कई करीबियों को बताई थी। महन्त संतोष महराज उर्फ सतुवा बाबा को भी वीडियो की बात बताई थी उन्होंने कहा था कि आनंद गिरि उन्हें फर्जी वीडियो के माध्यम से बदनाम करना चाहता है। लगातार दबाव महन्त बनता गया और बदनामी के डर से महन्त ने आत्महत्या कर लिया।
दो महीने से जेल में बंद आनंद गिरी महंत नरेंद्र गिरि के मौत के मामले में महन्त आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी विगत दो महीने से नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। सीबीआई ने 60 दिनों तक जांच करने के बाद ही चार्जशीट दाखिल कर दिया है। चार्जशीट के आधार पर सीबीआई ने आनंद गिरि को गुनहगार माना है। महंत को फोन से धमकी और आपत्तिजनक वीडियो से बदनाम करने की धमकी दी थी।