ऋचा सिंह ने बताया कि रविवार को प्रधानमंत्री के प्रयागराज आगमन को देखते हुए मुझे पुलिस ने छात्रावास से निकलते समय हिरासत में ले लिया और बिना कारण बताए मेरी ही गाड़ी में मुझे दिन भर नजरबंद रखा गया। बकौल ऋचा दिनभर पुलिस वाले मेरी गाड़ी में बैठे रहे और जहां मैं गई मेरे साथ रहे। पूछने पर वे इसका कोई कारण भी नहीं बता सके। शाम को मुझे कर्नलगंज थाने ले जाया गया। वहां जाने पर हिरासत में लिए गए अन्य छात्र नेताओं के साथ मुझे मेरी कॉल रिकार्डिंग सुनाई गई। बिना किसी उचित प्राधिकारी के आदेश मेरी कॉल रिकॉर्ड करना न केवल मेरी निजता का हनन है बल्कि मेरी मूल अधिकार का भी हनन है। पुलिस मेरी कॉल रिकॉर्डिंग का गलत उपयोग कर सकती है। इससे मेरी जान को भी खतरा हो सकता है। मै। इसके खिलाफ केंद्रीय होम मिनिस्ट्री और राष्ट्रपति से शिकायत करूंगी।
इविवि छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने कहा कि मैंने इसकी शिकायत सोमवार को ही भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को भेजकर इलाहाबाद पुलिस के इस अवैधानिक कृत्य पर आपत्ति भेजी है। उन्होंने कहा कि निजता मानवीय मूल्यों की प्राथमिक शर्त है। इसीलिए इसे मौलिक अधिकार के हिस्से में रखकर संवैधानिक दर्जा दिया गया है, ताकि मानव मूल्यों की रक्षा की जा सके। लेकिन जिस तरह से प्रयागराज पुलिस ने मेरी निजता के अधिकार का उल्लंघन किया वह मेरे लिए अप्रत्याशित और झकझोर देने वाला है। थाना कर्नलगंज के एसओ के पास मेरी तमाम फोन कॉल्स की रिकार्डिंग्स है। जिसे उन्होने मुझे मेरे और मेरे तमाम साथियों के सामने थाने में सुनाया। तब जाकर मुझे पता चला, मेरा फोन टैप किया जा रहा है। इसके पीछे कारण केवल यही है कि मैं सत्ताधारी पार्टी भाजपा की नीतियों के खिलाफ लगातार बोलती हूं। लोकतांत्रिक देश में नीतिगत विरोध करना इतना बड़ा अपराध हो चला है कि मेरे साथ अपराधियों जैसा सलूक किया जा रहा है।