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इस रणनीति से समाजवादी छात्रसभा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जमाया कब्जा

locationप्रयागराजPublished: Oct 18, 2017 10:13:26 am

Submitted by:

sarveshwari Mishra

टूट गया योगी का सपना, अखिलेश ने खुद रखी पैनी नजर धर्मेन्द्र के नाम पर एक जुट हुई छात्र सभा

Student union Election

छात्रसभा अध्यक्ष

इनपुट- प्रसून पाण्डेय की रिपोर्ट

इलाहाबाद. उत्तर प्रदेश की राजनीति में सत्ता खोने के बाद और पार्टी की पारिवारिक लड़ाई की जंग को एक सुल्तान की तरह जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति पर खुद पहली नजर बनाए हुए हैं।जिसकी बानगी इविवि के छात्रसंघ चुनाव में देखने को मिला।पार्टी में कार्यकर्ताओं को जोड़ने और खुद उनसे संपर्क स्थापित करने में लगे है। अखिलेश यादव ने जिस तरह छात्रसंघ चुनाव में अपनी टीम को भेजकर एक मजबूत जीत हासिल की है।उससे शहर की राजनीति पर नजर रखने वाले पूर्व छात्रनेता और राजनेता इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। किअखिलेश यादव की विश्वविद्यालय कैंपस की जंग और जीत एक बड़े संदेश की तरह है।समाजवादी पार्टी और इलाहाबाद का रिश्ता पार्टी की स्थापना के समय से ही रहा है।पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले जनेश्वर मिश्रा और रेवती रमण सिंह इस शहर से आते हैं।इन दोनों के नाते शहर के लोगों का बेहद जुड़ाव समाजवादी पार्टी और खुद नेताजी मुलायम सिंह यादव से रहा।अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाए जाने पर सैफई इटावा की तरह इलाहाबाद में जश्न मनाया गया था।और पार्टी में दो फाड़ होने के बाद भी मायूसी में उनके घर की तरह शहर भी रही।
खुद एक्टिव रहे सांसद धर्मेन्द्र
विश्वविद्यालय में समाजवादी छात्र सभा का परचम लहराने के पीछे खुद अखिलेश यादव की बड़ी भूमिका रही है।साथ ही उनके भाई धर्मेंद्र यादव के लगातार छात्रों और छात्र नेताओं विधायकों एमएलसी और पूर्व मंत्रियों से संपर्क साधना एक बड़ा कारण रहा है। बता दें कि धर्मेंद्र यादव विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं और उनके छात्र कार्यकाल के समय में संग्राम यादव वर्तमान अतरौली विधायक सहित कई समाजवादी विचारधारा के छात्र नेताओं को जीत मिली है। तब विश्वविद्यालय राज्य विश्वविद्यालय हुआ करता था।लेकिन केंद्रीय दर्जा मिलने के बाद भी विश्वविद्यालय में समाजवादी छात्र सभा का परचम लहराता रहा। बदायू सांसद धर्मेन्द्र यादव शहर में मजबूत पैठ रखते है। जिले भर के युवा कार्यकर्ता खुद उनसे व्यक्तिगत जुड़े है। छात्र सभा में जो नाराज कार्यकर्ताओं की जानकारी हुईखुद एक्टिव रहे सांसद धर्मेन्द्र उन्हें लखनऊ बुला कर धर्मेन्द्र ने मैनेज किया।और सभी को एक जुट किया।
अखिलेश यादव ने भेजी टीम
विश्वविद्यालय के चुनाव के दस दिन पहले अखिलेश यादव ने बाकायदा सूची जारी कर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में प्रचार करने वाले एमएलसी विधायक और नेताओं का नाम जारी किया। जिनमें ज्यादातर वही लोग थे। जिनका तालुकात विश्वविद्यालय से कभी न कभी रहा है। सपा की युवा नेता और पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह के अनुसार सांसद धर्मेन्द्र यादव खुद पूरी घटनाओ की जानकारी ले रहे थे।तो वही राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी टीम के लोगो से सम्पर्क बनाये रखा। जीत के बाद विवि में सपायी नेताओं का जमघट लगा रहा।विश्वविद्यालय में बड़ी जीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने सभा के लिए मेहनत करने वाले सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बधाई दी।
सपा ने लगा दी ताकत
इस बार का छात्र संघ चुनाव बिल्कुल लोकसभा और विधानसभा की तरह लड़ा गया।अखिलेश की टीम शहर में आते ही एक्टिव हो गई।और अपने समय के लोगों को साथ संपर्क साधना शुरू किया।घर में चाय के साथ बैठक से लेकर रात की जनसभाएं तक की गई। डोर टू डोर कैंपेन हुआ। विधानसभा और लोकसभा की तरह घर घर में लोग पहुंचे। हर लाज हर कमरे तक लोगों का पहुंचना लक्ष्य बना जो जीत के सबसे बड़ी वजह बनी। पूर्व विधानसभा प्रत्याशी और पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह सहित हंडिया की पूर्व विधानसभा प्रत्याशी निधि यादव ने महिलाओं की टीम को लीड किया। तो विधायक संग्राम यादव सहित एमएलसी कमल सिंह यादव पूर्व विधायक सत्यवीर मुन्ना विनोद चंद दुबे ने शहर का कोई इलाका नही छोड़ा।
आधी रात को बदल गई कहानी
समाजवादी पार्टी के नताओ ने छात्रसंघ के मंच पर विधानसभा और लोकसभा के चुनाव की तरफ स्पीच दिए। छात्र संघ चुनाव के दो दिन पूर्व अल्लापुर डेलीगेसी में आधी रात तक हुए चुनावी सभा को अभी भी लोग याद कर रहे हैं।और उसकी चर्चा है। उस रात कम से कम 10 हजार लोगों का हुजूम था। और मंच पर थे। जिले के पूर्व 12 विधायक सहित पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद अवनीश यादव ने दक्षता भाषण के दरमियान पुलिस प्रशासन की बेरी कटिंग को बाहर करने की बात कहकर जहां तालियां बटोरी थी। वही अल्लापुर डेली गेसी उस जनसभा ने चुनाव का कलेवर बदल दिया।और अवनीश की जीत पक्की कर दी।
तीन भागो में बटा परिषद का टिकट
छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का पैनल और उसकी अध्यक्ष प्रत्याशी प्रियंका सिंह चुनाव के हफ्ते भर पहले तक मजबूत फाइट कर रही थी। और माना जा रहा था कि प्रियंका सिंह एक बार फिर अध्यक्ष के तौर पर जीत जाएंगी ।लेकिन जैसे ही अखिलेश की टीम एक्टिव होती है। और अपने प्रचार प्रसार में लगती है ।धीरे.धीरे विद्यार्थी परिषद का चुनाव पिछड़ता जाता है। तो वही परिषद के बागी इस मौके का फायदा उठाकर वोटों को अपनी तरफ खींच लेते हैं।और विद्यार्थी परिषद् का वोट तीन भागों में बट जाता है। पहला बागी मृत्युंजय ने काट लिया दूसरा ।एनएसयूआई को जाता है। तो वही तीसरे प्रियंका सिमट जाती है। लोकसभा और विधानसभा में चली लहर कनारे लगते दिखी।

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