हर साल संगम पर घाट निर्माण के झंझट से से मिलेगी मुक्ती, हर स्नान पर घाट निर्माण में लाखों होते हैं खर्च, नगर निगम के कंधों पर होगी जिम्मेदारी
इलाहाबाद. संगम नगरी के प्रस्तावित 10 घाटों की जिम्मेदारी अब नगर निगम करेगा। ये घाट पूरी सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। घाटों की देखरेख में इंडिया इंडिया लिमिटेड के सहयोग से होगा।
दरअसल माघ मेले में भी संगम में घाटों का निर्माण हुआ था। लेकिन रखरखाव के अभाव में माघ मेला खत्म होते ही घाटों का अस्तित्व खत्म हो गया। जबकि घाटों के इस निर्माण कार्य के लिए हर कुंभ व माघ मेले में लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। अब इन घाटों का रखरखाव नमामि गंगे परियोजना के तहत होगी।
नमामि गंगे परियोजना से शिवकुटी, रसूलाबाद, सरस्वती घाट, अरैल, बलुआघाट, फाफामऊ, बरगद घाट, काली मां घाट और किला के पास घाट बनेगा। इन घाटों के रखरखाव में हर की तरह लापरवाही नहीं होने पाएगी। इन घाटों के निर्माण में कई अहम् चीजों का ध्यान दिया जाएगा। लाइटिंग व्यवस्था से लेकर कई अन्य चीजों की सुविधा होगी।
पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए पूरा कार्य होगा। ताकि यहां पर्यटन के कारण आर्थिक वृद्धि हो सके। संगम में इन घाटों के निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य 10 महीने तक रखा गया है। यानि 2017 में सगम के 10 घाट अपनी खूबसूरती के कारण लोगों का ध्यान खींचेंगे। इसके अलावा संगम तट पर आने वाले श्रद्धालूओं के लिए नाव विहार के लिए टोकन सिस्टम भी शुरू किया जा रहा है।
नाव से संगम जाने वाले लोगों को नाविक के पास जाने के बजाय काउंटर पर जाना होगा। काउंटर से टिकट लेना होगा। टिकट को नाविक को दिखा कर श्रद्धालू नाव से संगम में डूबकी लगाने के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा संगक्ष क्षेत्र में भी स्थायी सुविधाओं को लेकर कार्य करने की योजना है।