यूपी की यह सीट उपचुनाव में कोई दल नहीं रख पाया बरकरार, भाजपा को इतिहास बदलने की आस...
यूपी सरकार के लिए लिट्मस टेस्ट माना जा रहा उपचुनाव

इलाहाबाद. देश के राजनितिक इतिहास में सत्ता के करीब रहने वाली फूलपुर लोकसभा में एक बार फिर सरगर्मी बढ़ी तो सियासी पंडित पुराने पन्ने पलटने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही प्रदेश सरकार के लिट्मस टेस्ट एवं 2019 के सेमीफाइनल के तौर पर देखे जा रहे उपचुनाव में चंद दिनों पूर्व तक फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद रहे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है, लेकिन फूलपुर का इतिहास भाजपा के लिए मुश्किल राह की गवाही दे रहा है। अब तक जब भी उपचुनाव हुआ है, फूलपुर सीट पर कोई भी पार्टी अपना कब्जा बरकरार नहीं रख पाई है। ऐसे में भाजपा से जुड़े लोगों को आशा है कि इस दफे इतिहास बदलेगा और पार्टी सीट बचाने में कामयाब रहेगी।
उपचुनाव का ऐलान होते ही जातीय समीकरण से लेकर सत्ता के प्रभाव और मोदी लहर के असर का भी आकलन शुरू हो गया है। आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फूलपुर संसदीय क्षेत्र से ही अपने संसदीय सफर की शुरूआत की थी। दूसरी दफे होगा, जब सांसद के इस्तीफा देने के कारण यहां उपचुनाव हो रहा हो। सन 1967 के चुनाव में जनेश्वर मिश्र को मात देनेवाली पंडित नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित ने सन 1969 में संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रतिनिधि बनाए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव में कांग्रेस ने पंडित नेहरू के सहयोगी रहे केशव देव मालवीय को प्रत्याशी बनाया, लेकिन मालवीय को संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार जनेश्वर मिश्र से मात मिली। केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर एक बार फिर उपचुनाव होना है। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा पुराना इतिहास बदलने में सफल होगी या सीट गंवाएगी।
लम्बे समय तक कांग्रेस का रहा कब्जा
फूलपुर संसदीय सीट पर लम्बे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा। राजीव गांधी के बाद यहां कांग्रेस की पकड़ कमजोर हुई। सन 1996 से 2004 के बीच हुए चार लोकसभा चुनाव सपा के उम्मीदवार जीते, जबकि 2004 में अतीक अहमद के बाद 2009 में पहली बार इस सीट पर बसपा ने भी जीत हासिल की। बसपा के कपिल मुनि करवरिया के बाद मोदी लहर पर सवार भाजपा के केशव प्रसाद मौर्य की जीत से सन 2014 में पहली बार यहां कमल खिला था। उपचुनाव के लिए किसी भी दल ने अपना पत्ता नहीं खोला है।
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