आगामी कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए पूरा प्रशासन इसकी तैयारी में जुट गया है। हिन्दू धर्मावलबियों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कुंभ मेला का आयोजन आगामी वर्ष 2019 में होने जा रहा है। पहली बार मेले में 22 पीपे के पुल बनाने का फैसला लिया गया है। इससे पहले 2013 में लगे कुंभ मेले में 18 पीपे के पुल का निर्माण किया गया था। कुम्भ मेले में दुनिया भर से 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है। जबकि 2013 के कुम्भ के दौरान 8 से 10 करो़ श्रद्धालु मेले में आए थे। मेले में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए चार पीपे के पुल और बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। संगम क्षेत्र स्तिथ परेड ग्राउंड पर पिछले कई महीनों से पीपे के पुलों का निर्माण हो रहा है। इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए 24 घंटे लगातार काम हो रहा है। इस निर्माण के लिए अधिकारियों ने सितंबर के आखिर तक सभी पीपे के पुल तैयार करने की निर्देश दिए हैं । कुंभ मेले की शुरुआत माघ मास (15 जनवरी )से शुरू होने वाला है। आगमी कुंभ को विश्व स्तरीय बनाने में जुटी सरकार वृहद तैयारियों में लगे है। बीते माघ में मेले का 15 हजार बीघा होता था वहीं इस बार इसे बढ़ा कर 18 हजार बीघा किया जाना है। मेला अधिकारी किरण आनंद के अनुसार जरूरत पड़ने पर क्षेत्र फल बढा़या जायेगा।
आगामी कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए पूरा प्रशासन इसकी तैयारी में जुट गया है। हिन्दू धर्मावलबियों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कुंभ मेला का आयोजन आगामी वर्ष 2019 में होने जा रहा है। पहली बार मेले में 22 पीपे के पुल बनाने का फैसला लिया गया है। इससे पहले 2013 में लगे कुंभ मेले में 18 पीपे के पुल का निर्माण किया गया था। कुम्भ मेले में दुनिया भर से 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है। जबकि 2013 के कुम्भ के दौरान 8 से 10 करो़ श्रद्धालु मेले में आए थे। मेले में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए चार पीपे के पुल और बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। संगम क्षेत्र स्तिथ परेड ग्राउंड पर पिछले कई महीनों से पीपे के पुलों का निर्माण हो रहा है। इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए 24 घंटे लगातार काम हो रहा है। इस निर्माण के लिए अधिकारियों ने सितंबर के आखिर तक सभी पीपे के पुल तैयार करने की निर्देश दिए हैं । कुंभ मेले की शुरुआत माघ मास (15 जनवरी )से शुरू होने वाला है। आगमी कुंभ को विश्व स्तरीय बनाने में जुटी सरकार वृहद तैयारियों में लगे है। बीते माघ में मेले का 15 हजार बीघा होता था वहीं इस बार इसे बढ़ा कर 18 हजार बीघा किया जाना है। मेला अधिकारी किरण आनंद के अनुसार जरूरत पड़ने पर क्षेत्र फल बढा़या जायेगा।