इविवि के छात्रसंघ चुनाव के लिए आज आखिरी दिन चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। जिसमे सभी दल के प्रत्याशियों ने अपनी ताकत दिखाई है। छात्र संगठनों को मजबूती देने के लिए राजनीतिक दलों के कद्दावर नेता आज शहर की गलियों में घूम रहे है।
इविवि की धरती बौद्धिक और राजनीतिक रूप से मजबूत मानी जाती है।राजनीत के मंचों पर कहा जाता है। की यहां सड़कों पर लगाए गए नारे दिल्ली के गलियारों तक गुजते हैं। छात्र संघ में चुनाव धनबल बाहुबल की जोर आजमाइश भी जोरो पर है।
छात्र संघ चुनाव के शुरुआती दौर में ही एक बसपा नेता की हत्या विश्वविद्यालय के शोधछात्र को गोली मारी गई।और जिस तरीके से शहर की सड़कों पर सैकड़ों लग्जरी गाड़ियों का काफिला निकल रहा है। इससे धनबल बाहुबल और छात्र राजनीत का बदलता स्वरूप देखा जा रहा है।
बौद्धिकता के कैंपस इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इस बार छात्र संघ का अध्यक्ष उपाध्यक्ष महामंत्री कौन होगा। इसे तय करने का आज आखिरी दिन है।
बीते चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को 40 साल बाद अध्यक्ष पद पर सफलता मिली थी।तो उसके पहले सैकड़ों साल का इतिहास बनातें हुए पहली अध्यक्ष महिला बनने का गौरव ऋचा सिंह को मिला है।