पहली बार थे सीधे चुनावी मैदान में प्रदेश में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री की रेस में भी सिद्धार्थनाथ का नाम बताया जा रहा था। लेकिन जिस तरह से कैबिनेट के विस्तार से पहले स्वास्थ विभाग के ट्रांसफर को लेकर चर्चा सामने आयी। उसके बाद मंत्रिमंडल के विस्तार में मंत्रालय बदला गया ,उसे लेकर सियासी गलियारे में तरह -तरह की चर्चा है। बता दें कि सिद्धार्थ नाथ सिंह भाजपा के दिग्गज नेता माने जाते हैं। संगठन में मजबूत पकड़ है। विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में सीधे तौर पर उतरने वाले सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रयागराज की शहर पश्चिमी विधानसभा सीट पर कमल खिलाया। इसके पहले शहर पश्चिमी में बाहुबल और धनबल का बोलबाला रहा था, यह सीट लम्बे समय से बाहुबली अतीक अहमद के कब्जे में रही।
कभी योगी से थी मजबूत केमिस्ट्री बता दें कि सिद्धार्थ नाथ सिंह पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती है। उन्हें अमित शाह ,नरेंद्र मोदी का बेहद करीबी माना जाता है। बीते दिनों कुंभ के दौरान दौरान प्रधानमंत्री की तरफ से आमंत्रित किए गए दुनिया के अतिथियों के स्वागत और उनके अलग-अलग कार्यक्रमों को आयोजित कराने और उसे पूरा कराने की जिम्मेदारी सिद्धार्थ नाथ के कंधों पर थी। कुम्भ के दौरान सीएम योगी से उनकी मजबूत केमिस्ट्री सीएम योगी के साथ देखने को मिली है, लेकिन मंत्रिमंडल के विस्तार में जिस तरह से उनका विभाग बदला गया, उसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के कामकाज से खुश नहीं थे, जिसकी चर्चा बीते दिनों चल रही थी। बता दें कि सिद्धार्थ नाथ को योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी, नये मंत्रिमंडल विस्तार में सिद्धार्थ नाथ सिंह को खादी ग्राम उद्योग का मंत्रालय सौंपा गया है।
संगठन की बड़ी जिम्मेदारी में दिख सकते है प्रधानमंत्री का एक्सपेरिमेंटल कैंडिडेट रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह विभाग क्यों बदला गया, यह भी बड़ा सवाल है जबकि मंत्रिमंडल के विस्तार और बदलाव की जानकारी पार्टी आलाकमान को भी दी गई थी। सीएम योगी के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा के खेमे में भी तरह-तरह की चर्चा है। हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी सामने आकर बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन यह तो तय है योगी ने मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान उन मंत्रियों के विभाग बदले हैं। जिनके नामों को लेकर पहले से ही चर्चा चल रही थी। वही पार्टी के एक तबके की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव में वह संगठन की बड़ी जिम्मेदारी में दिख सकते हैं।
सिद्धार्थनाथ सिंह का सियासी सफर सिद्धार्थनाथ विद्यार्थी परिषद से दिल्ली विश्वविद्यालय में जुड़े थे। उन्हें संगठन के मैनेजमेंट का माहिर माना जाता है । पार्टी में राष्ट्रीय सचिव के साथ ही वह राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के प्रभार की जिम्मेदारी उन्होंने निभाई है। बीते गुजरात विधानसभा चुनाव में गुजरात के चुनाव प्रमुख की भी रहे। अभी वह पार्टी के प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी निर्वहन कर रहे हैं।