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यूपी में पीएम मोदी के एक्सपेरिमेंटल कैंडिडेट थे यह नेता, सीएम योगी ने छीना मंत्रालय

locationप्रयागराजPublished: Aug 23, 2019 09:11:56 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

स्वास्थ मंत्रालय को हटा मिला खादी ग्राम उद्योग की जिम्मेदारी
 

Siddharthnath Singh

सिद्धार्थनाथ सिंह

प्रसून पाण्डेय

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के पहले मंत्रिमंडल का हाल ही में विस्तार हुआ है । योगी मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल हुए हैं, वहीं सरकार में पुराने चेहरों को नई जिम्मेदारियां दी गई है। कुछ का कद बढ़ा है, तो कई मंत्रियों के विभागों में बड़ा फेरबदल हुआ है। 2017 के विधानसभा चुनाव में केंद्र की राजनीति से उत्तर प्रदेश में जिन नेताओं को विधानसभा चुनाव लड़ाया गया, उनमें से प्रयागराज के सिद्धार्थनाथ सिंह का नाम सबसे आगे था। हमेशा संगठन में काम करने वाले सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने पैतृक शहर में आकर पहला विधानसभा का चुनाव लड़ा था। सिद्धार्थनाथ सिंह को विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री का एक्सपेरिमेंटल कैंडिडेट कहा गया ।

पहली बार थे सीधे चुनावी मैदान में

प्रदेश में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री की रेस में भी सिद्धार्थनाथ का नाम बताया जा रहा था। लेकिन जिस तरह से कैबिनेट के विस्तार से पहले स्वास्थ विभाग के ट्रांसफर को लेकर चर्चा सामने आयी। उसके बाद मंत्रिमंडल के विस्तार में मंत्रालय बदला गया ,उसे लेकर सियासी गलियारे में तरह -तरह की चर्चा है। बता दें कि सिद्धार्थ नाथ सिंह भाजपा के दिग्गज नेता माने जाते हैं। संगठन में मजबूत पकड़ है। विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में सीधे तौर पर उतरने वाले सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रयागराज की शहर पश्चिमी विधानसभा सीट पर कमल खिलाया। इसके पहले शहर पश्चिमी में बाहुबल और धनबल का बोलबाला रहा था, यह सीट लम्बे समय से बाहुबली अतीक अहमद के कब्जे में रही।

कभी योगी से थी मजबूत केमिस्ट्री

बता दें कि सिद्धार्थ नाथ सिंह पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती है। उन्हें अमित शाह ,नरेंद्र मोदी का बेहद करीबी माना जाता है। बीते दिनों कुंभ के दौरान दौरान प्रधानमंत्री की तरफ से आमंत्रित किए गए दुनिया के अतिथियों के स्वागत और उनके अलग-अलग कार्यक्रमों को आयोजित कराने और उसे पूरा कराने की जिम्मेदारी सिद्धार्थ नाथ के कंधों पर थी। कुम्भ के दौरान सीएम योगी से उनकी मजबूत केमिस्ट्री सीएम योगी के साथ देखने को मिली है, लेकिन मंत्रिमंडल के विस्तार में जिस तरह से उनका विभाग बदला गया, उसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के कामकाज से खुश नहीं थे, जिसकी चर्चा बीते दिनों चल रही थी। बता दें कि सिद्धार्थ नाथ को योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी, नये मंत्रिमंडल विस्तार में सिद्धार्थ नाथ सिंह को खादी ग्राम उद्योग का मंत्रालय सौंपा गया है।

संगठन की बड़ी जिम्मेदारी में दिख सकते है

प्रधानमंत्री का एक्सपेरिमेंटल कैंडिडेट रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह विभाग क्यों बदला गया, यह भी बड़ा सवाल है जबकि मंत्रिमंडल के विस्तार और बदलाव की जानकारी पार्टी आलाकमान को भी दी गई थी। सीएम योगी के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा के खेमे में भी तरह-तरह की चर्चा है। हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी सामने आकर बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन यह तो तय है योगी ने मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान उन मंत्रियों के विभाग बदले हैं। जिनके नामों को लेकर पहले से ही चर्चा चल रही थी। वही पार्टी के एक तबके की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव में वह संगठन की बड़ी जिम्मेदारी में दिख सकते हैं।
सिद्धार्थनाथ सिंह का सियासी सफर

सिद्धार्थनाथ विद्यार्थी परिषद से दिल्ली विश्वविद्यालय में जुड़े थे। उन्हें संगठन के मैनेजमेंट का माहिर माना जाता है । पार्टी में राष्ट्रीय सचिव के साथ ही वह राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के प्रभार की जिम्मेदारी उन्होंने निभाई है। बीते गुजरात विधानसभा चुनाव में गुजरात के चुनाव प्रमुख की भी रहे। अभी वह पार्टी के प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी निर्वहन कर रहे हैं।

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