लोकसभा चुनाव और कुम्भ के पहले यह केन्द्र सरकार की ओर से इलाहाबाद को बड़ी सौगात कही जा रही है। यह पुल नेशनल हाइवे 96 पर बनाया जाएगा। वर्तमान समय में यहां इस हाइवे पर दो लेन का गंगा पर पुल है, जिस पर आवागमन का काफी दबाव है। नए पुल के बन जाने के बाद मौजूद दो लेन के पुल पर दबाव कम होगा। इसके अलावा कुंभ, अर्ध कुंभ और ‘संगम’ में होने धार्मिक अनुष्ठानों व आयोजनों के दौरान आने वाली भीड़ और जाम को भी कम करने में मदद मिलेगी। इससे इलाहाबाद की घरेलू अर्थव्यवस्था को तो बढ़ावा मिलेगा ही यहां के तीर्थ और पर्यटन को भी इसका लाभ होगा।
नेशनल हाइवे 27 के जरिये मध्य प्रदेश की ओर से आकर लखनऊ जाने वाले और फैजाबाद जाने वाली गाड़ियों के लिये सहूलियत हो जाएगा। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक प्रस्तावित 9.9 किलोमीटर के इस पुल की परियोना को मंजूरी मिल चुकी है। कोशिश की जाएगी कि यह पुल 2021 के दिसम्बर के महीने तक बनकर तैयार हो जाए। उन्होंने बताया कि इस पुल को बनाने में 9.20 लाख कार्य दिवस के बराबर रोजगार पैदा होगा।
ये होंगी पुल की खास बाते
– 9.9 किलोमीटर लम्बा होगा नया पुल, जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को।
– फाफामऊ से इलाहाबाद के बीच गंगा पर पुल की लंबाई 3.83 किमी होगी।
– पुल के दोनों ओर 5.23 किमी सड़क बनाई जाएगी।
– मलक हरहर तिराहे से स्टैनली रोड पर लाला लाजपत राय रोड के पास बेली चौराहे पर खत्म होगा।
– फाफामऊ और स्टैनली रोड गंगा कछार में बनेगा पुल।
– पुल में फ्लाई ओवर भी होंगे शामिल।
– पुल को लाजपत राय रोड चौराहे तक पहुंचाने के लिये बीच में नाले पर फ्लाईओवर बनेगा।
– तीन साल में पुल के निर्माण पूरा करने का है लक्ष्य।
– पुल के निर्माण में खर्च होंगे 1948.25 करोड़ रुपये।