एसटीएफ के मुताबिक दोनों प्रयागराज में किसी बड़े प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति की हत्या की फिराक में थे। दोनों के पास से 30 और 9 एमएम की पिस्टल, कुछ जिंदा कारतूस व खोखे और एक बाइक मिली है। रांची के हाटोवार जेल के अधिकारी की हत्या की सुपारी ली थी। कोयला व्यापारी की हत्या के आरोपी रांची जेल में बंद मुन्ना बजरंगी के शार्प शूटर रहे अमन के कहने पर वकील पाण्डेय और अमजद अपने साथियों के साथ मिलकर जेलर की हत्या की साजिश रच रहे थे। पर उसके पहले ही पिछले साल इनका एक साथी अयोध्या में पुलिस के हत्थे चढ़ गया जिससे उनकी प्लानिंग फेल हो गइ और घटना नहीं हुई।
बताते चलें कि भदोही के ज्ञानपुर से विधायक और फिलहाल जेल में बंद बाहुबली विजय मिश्रा भी पिछले साल वकील पाण्डेय से अपनी जान को खतरा जता चुके हैं। दोनों पर अपने साथियों के साथ मिलकर 2013 में मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी के कहने पर वाराणसी के तत्कालीन जेलर अनिल कुमार त्यागी की हत्या का भी आरोप था। दावा ये भी है कि बीते साल माफिया दिलीप मिश्रज्ञ के काॅलेज से गिरफ्तार किये गए खान मुबारक गैंग के शार्प शूटर नीरज सिंह ने जब कुछ सपा नेताओं की हत्या की साजिश रचने का खुलासा किया था तो उसमें ये दोनों भी शामिल थे।
एसटीएफ के सीओ नवेन्दु सिंह ने मीडिया को बताया है कि दोनों सुपारी किलर के बारे में सूचना मिली थी। इसी सूचना के आधार पर एसटीफ की टीम ने गुरुवार की सुबह नैनी सोमेश्वरनाथ मंदिर तिराहे के पास उन्हें चेकिंग के दौरान पकड़ने की कोशिश की, लेकिन बदमाश समझ गए और बच निकलने के लिये एसटीएफ पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वो एसटीएफ के सामने नहीं टिक पाए और गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां दोनों को डाॅक्टर ने मरा हुआ घोषित कर दिया।