बता दें कि बीते माह से इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक भर्ती का साक्षात्कार चल रहा है। जिसमें सीएमपी डिग्री कॉलेज में अमित सिंह को दर्शन शास्त्र विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त किया गया है छात्रों का आरोप है कि आज अविनय अवज्ञा आंदोलन कर रहे थे। काफी देर तक अहिंसात्मक आन्दोलन चलने के बाद सीएमपी डिग्री कॉलेज के प्रधानाचार्य वार्ता करने बाहर आये और छात्र नेताओं की मांग क्या है, इसकी जानकारी ली। छात्र नेता रिसू के अनुसार इस दौरान नव नियुक्त दर्शन शास्त्र प्रवक्ता वहां पहुंचे ।और छात्रों से कहा कि नेतागिरी करोगे तो जान से हाथ धोना पड़ेगा। साथ ही अपशब्दों का भी प्रयोग किया।रिसू ने यह भी आरोप लगाया है की उस पर गोली भी चलायी गई।गौरतलब है कि अमित सिंह कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय रतन लाल हांग्लू ओएसडी रहे हैं।और इन्हें कुलपति का बेहद करीबी माना जाता है। हाग्लू के विवि में कार्य भार सम्भालने के बाद से कुलपति करीबी रहे ,बिना इनकी अनुमति के कोई भी कुलपति से नही मिल सकता था ।
अमित सिंह के नियुक्ति के बाद मामला दिल्ली तक पहुंचाऔर कुलपति पर धांधली कराने का आरोप लगा। उसके बाद एमएचआरडी मिनिस्ट्री ने शिक्षक भर्ती में धांधली की भी जांच की अनुमति दे दी है।जिसमे जांच के लिए अनुमति राष्ट्रपति के यहां से भी अनुमोदित हो चुकी है। छात्र नेता रजनीश सिंह रिसू ने आरोप लगाया है कि अमित सिंह ने प्रदर्शन करने से रोक रहे थे। जिस पर उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई।जिस पर वहां से बचकर उन्होंने अपनी जान बचाई ।हालांकि इस मामले में अमित सिंह से बात करने की कोशिश की गई लेकिन सम्पर्क नही हो सका।और देर रात तक इस मामले में किसी भी पक्ष की तरफ से थाने में कोई भी मामला दर्ज नहीं कराया गया है।
छात्र नेता रजनीश सिंह ऋषि ने आरोप लगाया है कि मारपीट के दौरान उनकी जेब से रुपए और सोने की चेन छीन ली गई है। बता दें कि रजनीश सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रहे हैं। और उन्हें विश्वविद्यालय की पहली महिला अध्यक्ष ऋचा सिंह के सामने हार का सामना करना पड़ा था। छात्र राजनीति में तब चर्चा में आए जब नामांकन के ठीक 1 दिन पहले इनका परिचय खारिज कर दिया गया और कुछ ही घंटों बाद में बहाली दे दी गई थी।