सेहतमंद रखने वाले फल कहीं घातक बीमारियां न दे दे
प्रयागराजPublished: Feb 18, 2016 03:01:00 am
फुटपाथ, ठेलों पर चमचमाते व तरोताजा दिखने वाले फल कहीं आपकी सेहत पर भारी न
पड़ जाए। शहर में लम्बे समय से वैक्सीन लगे तथा केमिकल से पके फल धड़ल्ले
से बिक रहे हैं।
फुटपाथ, ठेलों पर चमचमाते व तरोताजा दिखने वाले फल कहीं आपकी सेहत पर भारी न पड़ जाए। शहर में लम्बे समय से वैक्सीन लगे तथा केमिकल से पके फल धड़ल्ले से बिक रहे हैं। व्यापारी इन फलों की चमक बनाने रखने के लिए रासायनिक रंगों का स्प्रे करते हैं। ऐसे में सेहत के लिए फायदेमंद ये फल कई बीमारियां आपको दे सकते हैं।
ऐसे पकते हैं फल
कई व्यापारी केला, पपीता, चीकू, नाशपाती आदि फलों को पकाने के लिए कार्बाइड व रसायनों का प्रयोग कर रहे हैं। व्यापारी फलों को रसायन के घोल में डूबो कर कपड़ों, घासफूंस से ढक देते हैं। जो रसायन की गर्मी से दो दिन में पक जाते हैं।
विक्रेताओं को भी पता नहीं
शहर में विदेशों से आयातित वाशिंगठन सेब, फ्यूजी सेब, ग्रीन सेब, किवी, सरदा, लाल अंगूर, नाशपाती, रेड पीयर, एप्पल बेर, बबूगोसा, मीठी इमली, पिण्डखजूर आदि धड़ल्ले से बिक रहे हैं। जिनकी चमक व मिठास देसी फलों की अपेक्षा अधिक हैं। इन फलों की चमक व मिठास का राज फल विक्रेताओं को भी पता नहीं है। फल विक्रेताओं का कहना है कि हमारे पास तो डिब्बे में पैक होकर यह फल आते हैं। इतनी चमक व मिठास कैसे रहती है। इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
एक्सपर्ट व्यू
कार्बाइड, रसायन से पके फलों के सेवन से स्वास्थ्य को खतरा रहता है। कार्बाइड में घातक केमिकल की मात्रा होती है। इससे पके फलों को खाने से पेट दर्द, एसिडिटी आदि की शिकायत तो होती ही है, लम्बे समय तक सेवन करने से कैंसर होने, लीवर पर असर पडऩे की संभावना रहती है। रसायन के तत्व फलों के माध्यम से रक्त में घुल जाते हैं। इससे तंत्रिका तंत्र, कोशिकाओं पर भी विपरीत असर पड़ता है।
डॉ. मनोज सलूजा, फिजीशियन, मेडिकल कॉलेज, कोटा
केमिकल से पकाए गए फलों की जांच की प्रदेश में कहीं भी प्रयोगशाला नहीं है और न ही एक्ट में प्रावधान है कि ऐसे फलों के नमूने लिए जाए। हम तो सिर्फ मंडियों, ठेलों में सड़े गले फलों को फिंकवा देते हैं। आज दिन तक एक बार भी केमिकल से पके फलों के नमूने नहीं लिए।
चंद्रवीर सिंह जादौन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कोटा