बताते चलें कि मंगलवार की शाम चायल विधायक की गाड़ी घर जे बाहर खड़ी थी। उनका भांजा और ड्राइवर गाड़ी से कही निकल रहे थे। तभी उनकी गाड़ी को पकड़ लिया गया और पुलिस को सूचना दी गयी। मौके पर पहुंचे सिविल लाइंस में तैनात दरोगा श्रवण विधायक की गाड़ी क्रेन बुलवाकर उठा ले गए। विधायक संजय गुप्ता ने बताया की मंगलवार की शाम वह लखनऊ में मौजूद थे, तभी उन्हें इस कार्रवाई की सूचना मिली। उसके बाद उन्होंने डीजीपी से मिलकर घटना की जानकारी दी और डीजीपी से पूछा अपनी गलती भी पूछी?
भाजपा विधायक ने मंगलवार रात सिविल लाइंस थाने के दरोगा द्वारा गाड़ी सीज करने को एक साजिश करार दिया और कहा कि लखनऊ में डीजीपी से मिलकर कौशाम्बी के फनगांव वाटर पार्क में व्याप्त अराजकता की शिकायत की थी, जिसके बदले उक्त कार्यवाही हुई।
विधायक ने पत्रकारों से कहा कि डीजीपी के निर्देश पर वहां छापा भी पड़ा था, लेकिन अराजक तत्वों को भनक लग गयी और वे फरार हो गये थे। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में अपराधों की बाढ़ सी आ गयी है। गाड़ी सीज किये जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की तो उन्होंने सीधे डीजीपी को बुलाकर कहा और रात एक बजे उक्त दारोगा को निलंबित कर दिया गया। अब पुलिस वाले कह रहे हैं कि गाड़ी ले जाइये, तो हमने कहा कि गाड़ी आप किस आधार पर ले गये। उन्होंने कहा कि न तो कोई मुकदमा दर्ज है और न ही कोई प्राथमिकी, इसके बावजूद गाड़ी खींचकर ले जाना और सीज करना उसी खुन्नस का परिणाम है।
By Prasoon Pandey