scriptतिहाड़ जेल से कुंभ आये इस संत पर कभी दर्ज हुए थे सौ से अधिक मुकदमे, जेल में अलाट है बैरक नंबर दो तीन और पांच | swami sarvadanad special interview on yog and indian culture in kumbh | Patrika News

तिहाड़ जेल से कुंभ आये इस संत पर कभी दर्ज हुए थे सौ से अधिक मुकदमे, जेल में अलाट है बैरक नंबर दो तीन और पांच

locationप्रयागराजPublished: Jan 18, 2019 04:14:33 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

कैदियों को जेल से मुक्त कराने का इस संत ने लिया है संकल्प, हर साल हजारों लोगों को देते हैं आध्याम की शिक्षा

up news

तिहाड़ जेल से कुंभ आये इस संत पर कभी दर्ज हुए थे सौ से अधिक मुकदमे, जेल में अलाट है बैरक नंबर दो तीन और पांच

प्रयागराज. कुंभ में पहुंचे संत सर्वदानंद के बारे में जानना समझना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। देश को अपराधमुक्त और लोगों को जेल से मुक्त कराने के लिए इस संत ने जो संकल्प लिया है उसे पूरा कराने के लिए इन्हे तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन सर्वदानंद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बताते हैं इन्होने अपने इस प्रयास से हजारों लोगों के जीवन को बदलने का काम किया है। उन्होने बताया कि समजा को भय और भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए जब मुहिम चलाई तो उन पर सौ से अधिक मुकदमें दर्ज कर दिये गये। लेकिन उन्होने हार नहीं मानी।
जी हां पत्रिका से खास बातचीत में संत सर्वदानंद ने कहा कि कुंभ मेला प्रायश्चित करने का महापर्व है। भारत में साधुता खत्म होती जा रही है साधुओं का भेष बढ़ता जा रहा है। साधु का धर्म समाज में सोई हुई चेतना को जागृत करना है। जिसका सबसे बड़ा स्थान कुंभ नगर है। स्वामी हर्षानंद अपना पता तिहाड़ जेल बताते हैं। जिसमें बैरक नंबर दो तीन और पांच इनके लिए अलाट है। पेश है स्वामी से खास बातचीत के अंश।
योग क्या है देश भर में योग गुरु की संख्या में इजाफा हुआ ?

स्वामी हर्षानंद का कहना है कि शरीर ,प्राण और विचार के माध्यम से मन मस्तिष्क में संतुलन बनाने को योग कहते हैं। उन्होने कहा कि देशभर में योग साधना के माध्यम से अपराध से आध्यत्म की ओर ले जाने की कोशिश कर रहा हूँ। योग आज के जीवन को सुरक्षित रखने का सबसे बड़ा और आसान माध्यम है।
अपराध से आध्यत्म कितना मुश्किल है?

उन्होने कहा कि देश भर में योग और आध्यत्म को जागृत करना चाहता हूं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मैंने मांग की है कि मुझे उत्तर प्रदेश का कोई भी गांव गोद लेने दिया जाए । जिसमें सभी संप्रदाय के लोग रहते हों। जहां से मैं अपराध मुक्त गांव की कल्पना को साकार बना सकूं । स्वामी हर्षानंद का दावा है कि 5 वर्ष में सर्व समुदाय के गांव को अपराध मुक्त करेंगे। गांव की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलेंगे।
जेल में बंद कैदियों को स्नान कराने से अपराध कैसे समाप्त होगा?

स्वामी हर्षानंद ने बताया कि उज्जैन कुंभ के दौरान उन्होंने भैरवगढ़ जेल के कैदियों को क्षिप्रा में स्नान कराकर बड़ा काम किया । उन्होंने बताया कि उज्जैन कुंभ में एक महीने तक योग क्रिया के शिक्षा देने के बाद कैदियों के मन मस्तिष्क में धार्मिक सद्भाव मानवता के जागृत के बाद उन्हें बिना किसी कैद के कुछ घंटों के लिए क्षिप्रा तट पर लाया गया। सबमें ये बात देखी गई कि हर कोई आध्याम के राह पर चलकर जीवन जीना चाहता है। उन्होने कहा कि किसी जमीन के टुकड़े को भारत नहीं माना जा सकता।
रामराज्य की कल्पना कैसे साकार होगी?

स्वामी ने कहा कि भारत में रामराज्य की कल्पना तभी साकार हो सकती है जब जाति धर्म अशिक्षा, गरीबी के चक्रव्यूह को तोड़कर एक स्वस्थ समाज स्वस्थ व्यक्ति का निर्माण किया जाए । स्वामी हर्षानंद का कहना है कि धर्म से विमुख होकर कुछ नहीं किया जा सकता। सनातन संस्कृति के अनुसार मानव जाति का धर्म है शिक्षा समानता का परस्पर विचार स्थापित करना होगा।
आप की नजर में योग का कितना महत्व है?

उन्होने कहा कि मैं गिद्धासनी योगिक क्रिया में पारंगत हूं। यह क्रिया 6 मिनट की होती है लेकिन ये कैप्सूल की तरह है। स्वामी हर्षानंद का कहना है कि प्राकृतिक रूप से इंसान योगिक क्रिया करके जीवन में सर्वाधिक प्रसन्नता और स्वास्थ्य लाभ पा सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को गिद्ध से सीखना चाहिए जो आसमान की सर्वाधिक ऊंचाई नापते हुए भी अपनी धरती को नहीं भूलता और अपनी आंखों से धरती का आंचल देखता रहता है।
योग के आसन के बारे में आप का क्या मानना है?

स्वामी हर्षानंद के मुताबिक भारतीय ऋषियों ने जितने भी योगासन को अपने शिष्यों को सिखाया बताया वह सभी पशु पक्षियों से लिए गए आसन हैं। उन्होंने कहा कि कपाल भारती स्वान से लिया । मयूरासन मयूर से ,भुजंगासन साप से तो हम पशु पक्षी और मानव शरीर में कैसी समरूपता रखें यह में सीखना होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो