नगर निकाय चुनाव में प्रचार के लिए खर्च सीमा निर्धारित कर दी गई है। महापौर के लिए जहां अधिकत खर्च सीमा 25 लाख रूपये की गई है। वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष प्रचार मंे अधिकतम डेढ़ लाख ही खर्च कर सकते हैं। इसके अलावा पार्षदों के लिए दो लाख रूपये तो नगर प्रचायत के लिए 30 हजार रूपये प्रचार खर्च निर्धारित किया गया है। प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए ढोल ताशे से लेकर बीन तक बजवा रहे हैं। गली मुहल्लों में गाड़ियांे पर लगे लाउडस्पीकर से प्रत्याशियों की टैंपो हाई है के नारे गूंज रहे हैं।
नेता जी के समर्थक सिर पर टोपी, हाथ में पम्पलेट लिए प्रचार करते नजर आ रहे हैं। प्रचार करने वाले समर्थकों के लिए खाने पीने का भी पूरा इंतजाम किया गया है। प्रत्याशियों के समर्थक भले ही उनका मुफ्त मंे प्रचार कर रहे हों लेकिन चुनाव आयोग नेता जी की टोपी से लेकर पानी के ग्लास तक का हिसाब लेगा। यह हिसाब चुनाव आयोग को उसके निर्धारित दर के अनुसार देना होगा।
साइकिल से लेकर बीएमडब्यू तक का हिसाब देना होगा
चुनाव आयोग ने प्रचार में उपयोग होने वाली सभी चीजों का प्रतिदिन के लिए दर निर्धारित कर दिया है। जिसमें साइकिल का 5 रूपये प्रतिघंटे के दर से हिसाब देना होगा। जबकि मदारी के बीन का प्रतिदिन 700 रूपये, ढोल नगाड़ा का 1200, हैंड बाजा का 100 रूपये, बीएमडब्ल्यू कार का 17600 रूपये, मर्सीडीज कार का 16500 रूपये, मोटरसाइकिल का 200, टवेरा का 2660 रूपये, बोलेरो का 2400 रूपये, गद्दा 30 रूपये, बड़ी बस 1300 रूपये डीजल चार्ज अलग से, रिक्शा का 400 रूपये के दर से हिसाब देना होगा।
इसके अलावा खानपान में चार पूड़ी, सब्जी व एक मिठाई का 45 रूपये, प्रति समोसा 5 रूपये और चाय 5 रूपये दर निर्धारित है। जबकि बैनर पोस्टर और कटआउट में कपड़े का बड़ा बैनर 75 रूपये, एक लकड़ी का कटआउट 160 रूपये प्रति वर्ग फीट, पोस्टर 10 से 15 वर्ग इंच का 2350 रूपये के दर से हिसाब देना होगा। इसके अलावा अन्य खर्च भी निर्धारित किए गए हैं।