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शाही स्नान छोड़ अचानक इस अखाड़े ने शुरू किया धरना, मचा हड़कंप, पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूले

locationप्रयागराजPublished: Feb 04, 2019 07:34:28 pm

मौनी अमावस्या

jan samudra

कुंभ में उमड़ा आस्था का जनसमुद्र, पांच करोड़ ने लगाई संगम में डुबकी

कुंभ में मौनी अमावस्या पर नया उदासीन अखाड़ा ने सोमवार को धरना देकर प्रशासन के हाथ पांव फूला दिए। नया उदासीन अखाड़ा के संतों का आरोप था कि प्रशासन ने जो समय उनके शाही स्नान का दिया था उस वक्त दूसरे अखाड़ा के लोग नहा रहे थे। घाट पर ही संतों के धरने से काफी देर तक गहमागहमी का आलम रहा।
कुंभ का दूसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या पर था। शाही स्नान पर अखाड़ों को कोई दिक्कत न हो इसलिए अखाड़ों के लिए अलग अलग समय निर्धारित किया गया था। लेकिन जब नया उदासीन अखाड़ा के संत शाही स्नान को पहुंचे तो संगम नोज घाट खाली नहीं था। इससे नया उदासीन अखाड़े के लोग नाराज हो गए। नया उदासीन अखाड़ा के संतों का आरोप था कि उनको जब समय दिया गया था तो दूसरे उनके समय में क्यों स्नान कर रहे हैं।
संतों के धरने से पूरा प्रशासन सकते में आ गया। काफी मान मनौव्वल के बाद संत माने तो शाही स्नान आगे शुरू हो सका।
samudra
पांच करोड़ से अधिक ने लगाई आस्था की डुबकी

कुंभ में आकर मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए सोमवार को आस्था का जनसमुद्र उमड़ा। प्रशासनिक दावों के अनुसार सोमवार को शाम तीन बजे तक चार करोड़ सत्तर लाख लोगों ने संगम में डुबकी लगा ली थी। यह आंकड़ा शाम पांच बजे तक पांच करोड़ को पार कर गया। आम से खास, देशी-विदेशी हर कोई आस्था की डुबकी लगाने को बेताब दिखा। देर शाम तक मेला क्षेत्र से लेकर शहर की हर प्रमुख सड़कें लोगों से अटी पड़ी थी। देर शाम तक लोगों के नहाने का सिलसिला जारी था।
मेला प्रशासन ने बताया कि 03 फरवरी की मध्य रात्रि से मौनी अमावस्या का स्नान मुहूर्त आरंभ हो गया जो सोमवार की रात्रि तक है। यहां बने 40 घाटों पर सायं 5 बजे तक लगभग 5 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर कुम्भ के साक्षी बने। देर रात तक स्नान जारी रहा।
ज्योतिषों के अनुसार सोमवार को मौनी अमावस्या पड़ने से इस दिन स्नान करना बड़ा ही पुण्य व कल्याणकारी माना गया है। सोमवारी मौनी अमावस्या दशकों बाद पड़ता है, इसलिए इस पर्व की भारतीय संस्कृति में और भी महत्ता बढ़ गयी है।
सुबह सवेरे से ही अखाड़ों के साधु संतो ने भव्य आकर्षक और गाजे बाजों के साथ संगम पर हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ दूसरा शाही स्नान शुरू किया। सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी/श्री पंचायती अटल अखाड़ा ने सुबह 6ः15 बजे स्नान किये। उसके बाद पंचायती निरंजनी अखाड़ा, तपोनिधि श्री पंचायती आनन्द अखाडा ने सुबह 7.05 बजे संगम तट पर पहुंचकर स्नान किया। उसके बाद पंचदशनाम जूना अखाड़ा/श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा/श्री शम्भू पंच अग्नि अखाड़ा ने 8 बजे संगम घाट पर स्नान किया। अखिल भारतीय श्री पंचनिर्वाणी अनी अखाड़ा ने सुबह 10.40 बजे, अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ा ने सुबह 11.20 बजे, अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा ने दोपहर 12.20 बजे, श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन ने अपरान्ह 1.15 बजे, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन ने अपरान्ह 2.20 बजे तथा श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल ने अपरान्ह 3.40 बजे संगम घाट पर पहुंचकर स्नान किया।
उधर, अखाड़ों के अलावा आम श्रद्धालुओं के नहाने का सिलसिला रविवार की देर रात से ही शुरू हो गया। संगम में लोगों ने शुभ-मुहूर्त के शुभारम्भ से ही डुबकी लगानी शुरु कर दी। हल्के कोहरे तथा ठण्ड पर भी लोगों की आस्था भारी रही। संगम क्षेत्र में हर ओर से लोगों का रेला पहुंचा। आम से लेकर खास तक नहाने पहुंच रहे थे। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, काबीना मंत्री बृजेश पाठक, बीजेपी विधायक महेश त्रिवेदी, विधायक भूपेश चैबे सहित ढेर सारे अतिथियों ने आस्था की डुबकी लगाई।
श्रृंग्वेरपुर से लेकर किला घाट तक गंगा, यमुना और संगम तट के दोनों तरफ 8 किमी. बनाये गये 40 सुगम घाटों पर खुले क्षेत्रों में लोगों ने स्नान किया। मौनी अमावस्या पर निरन्तर हेलिकॉप्टर द्वारा स्नानार्थियों/श्रद्धालुओं, संत महात्माओं के शाही जुलूस पर बार-बार पुष्प वर्षा की गयी। हेलीकॉप्टर से ही मेले की निगरानी भी की जाती रही।
देर शाम तक मेले में बिछड़े करीब 5200 लोगों को पुलिस उनके परिवारीजन से मिलवा चुकी थी।
By Prasoon Pandey

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