प्रयागराज में फंसे छात्रों की अनुमानित संख्या लगभग नौ से दस हजार बताई है। इन सभी छात्र और छात्राओं को 300 बसें संचालित कर उनके जिलों में चरणबद्ध तरीके से पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जिले के अधिकारियों की जिम्मेदारी निश्चित की जाएगी। इस दौरान सभी प्रतियोगी छात्राओं और छात्रों के लिए अलग – अलग बसों की व्यवस्था होगी।सभी बसों में परिवहन कर्मी सहित पुलिस आरक्षी तैनात किए जाएंगे जो सुरक्षित इन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाएंगे। प्रयागराज से तीन सौ बसे अलग- अलग तीन स्थानों से चलाई जाएंगी। सभी प्रतियोगी छात्रों और छात्राओं को उनके घर भेजने से पहले सब का फोन नंबर और पूरा पता प्रशासन को अपने पास दर्ज होगा। पहले चरण में सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली वाराणसी, जौनपुर ,प्रतापगढ़ ,फतेहपुर के छात्र छात्राओं को भेजा जाएगा। इसके बाद इन्हीं बसों से दूसरे चरण में अन्य स्थान के छात्रों को पंहुचाया जाएगा।
बता दें कि प्रयागराज में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रयागराज राज्य विश्वविद्यालय, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले हजारों छात्र और छात्राएं यहां फंसे हैं। इनके साथ ही बड़े पैमाने पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र यहां है ।प्रतियोगी छात्र अशोक पांडे ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की लेकिन , उन्होंने कहा कि इस बात की समीक्षा करनी होगी कि जिले में सिर्फ 10,000 छात्र ही फंसे हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों की संख्या ज्यादा है लेकिन यह प्रयास सराहनीय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से हजारों छात्रों और उनके परिजनों को राहत मिलेगी।
डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया है की आज रात नौ बजे रोडवेज की बसों के ज़रिये प्रतियोगी छात्र वापस भेजे जाएंगे पहले चरणबद्ध तरीके से छात्रों को आज रात से लेकर कल तक भेजा जाएगा ।अन्य स्थानों पर रहने वाले छात्रों को दूसरे चरण में 29 अप्रैल से भेजा जाएगा। बसों में छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।प्रयागराज में बड़ी संख्या में बाहर के प्रतियोगी छात्र फंसे हुए हैं।सीएम योगी के निर्देश पर प्रयागराज प्रशासन इंतजाम में जुट गया है।