उमेश पाल अपहरण केस में फैसला आज, कोर्ट में फोर्स तैनात
जया पाल ने कहा कि अतीक के आपराधिक साम्राज्य के खात्मे के लिए उसकी मौत बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार पर हमें पूरा भरोसा है। आज अपराध से अर्जित उसकी संपत्तियों पर बुलडोजर चल रहा है. लेकिन अगर वह जेल में रहता है और उसे फांसी नहीं होती तो उसके साम्राज्य का अंत नहीं हो सकता। उसने जेल में रहते हुए ही मेरे पति की हत्या करवा दी. अब मेरे घर में कोई बड़ा नहीं है। जेठ हैं वो ट्रक चलाते हैं। मेरे बच्चे अभी छोटे हैं, मां दिव्यांग हैं। उमेश पाल की हत्या के बाद हम अनाथ हो चुके हैं।अतीक की पेशी से पहले उमेश पाल के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। किसी तरह की घटना से निपटने के लिए पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। अतीक अहमद को पुलिस की स्पेशल टीम बीते दिन साबरमती जेल से यूपी के नैनी जेल में लाई है। PAC के साथ भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई हैं।
दरअसल, 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप अतीक और उसके भाई अशरफ के साथ उसके गुर्गों पर लगा था। 2006 में विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद साल 2007 में मायावती सरकार आने पर उमेश पाल की तरफ से इस मामले में धूमनगंज थाने में 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
इस मामले की सुनवाई बीती 23 मार्च को पूरी हो चुकी है और 28 मार्च को फैसला सुनाया जाना है। इस केस के 11 आरोपियों में से एक की मौत हो चुकी है, जबकि 10 पर आरोप तय हुए हैं। इनमें अतीक अहमद, उसका भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, उसके गुर्गे आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली, जावेद इसरार, एजाज अख्तर, दिनेश पासी और दो अन्य लोग शामिल हैं।