उमा भारती ने दारागंज स्थित भीष्म पितामह मंदिर में दर्शन पूजा की। साथ ही स्वच्छता कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार की ओर से जनता को बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर लगातार कार्य कर रही है। लेकिन स्वच्छता के लिए समाज के लोगों को मिलकर सामने आना होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति समाज को जागरूक होने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझ कार्य किया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने प्रतिदिन कूड़ा कलेक्शन के अंतिम निस्तारण को लेकर चिंता जाहिर की।
उन्होंने दिल्ली में हुए एक हादसे का जिक्र भी किया और कहा इस बारे में काफी कुछ सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कचरे का सदुपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। जिस कचरे को विभागों की ओर से एक जगह डम्प किया जा रहा है। उसका उपयोग बिजली उत्पादन या खाद के रूप में किए जाना चाहिए। इससे स्वच्छता के साथ ही उसके मानक भी सिद्ध होंगे।
गंगा की सफाई के सवाल पर उमा भारती ने कहा कि गंगा की सफाई का कार्य चल रहा है। उन्होंने संगम क्षेत्र में फैली गंदगी को लेकर कहा कि गंगा किनारे व अन्य गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। समस्या संगम क्षेत्र की है। यहां प्रतिदिन संगम स्नान के लिए हजारों लोग आते हैं। यहां आने वाले लोगों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है। ऐसे जगह को पूर्व ओडीएफ किया जाना चाहिए। ताकि गंगा को स्वच्छ रखा जा सके। इस दौरान उन्होंने दुर्लभ धार्मिक मंदिरों की खोज कर दुनिया के नक्शे पर लाने की बात कही।