इलाहाबाद. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के निराला सभागार में 'सामाजिक एवं धार्मिक बिम्ब' विषय पर पहल संस्था द्वारा आयोजित तीन द्विवसीय छाया चित्र प्रदर्शनी का उदघाटन किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किया।
इस प्रदर्शनी में प्रयाग के धर्माचार्य, महंत, शंकराचार्य के अलावा प्रमुखता से किन्नर अखाड़े की धार्मिक प्रवृत्ति, उनकी परंपरा आस्था के प्रति उनका विश्वास प्रमुख रूप से दर्शाया गया है।
किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रयाग की धरती का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रहा है। यहां के नागरिकों ने हमेशा स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर धार्मिक आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है।
किन्नर अखाड़ा आने वाले कुम्भ में प्रवास करेगा और प्रमुखता से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगा।
महामंडलेश्वर ने कहा कि हमारा उद्देश्य कुम्भ मेले का सफ़ल आयोजन करना है। प्रशासन के साथ-साथ हमारी भी जिम्मेदारी है कि कुम्भ मेले का भव्य आयोजन हो और भारत वर्ष विश्व पटल पर अपनी उपलब्धि दर्ज करा सके।
पहल संस्था की अध्यक्ष डॉ वन्दना सिंह ने कहा कि मेरी सामाजिक संस्था पहल एक नई शुरुआत, जन कल्याण समिति और संस्थान ग़रीब बच्चों की शिक्षा, असहाय स्त्रियों को स्वावलंबी बनाने, पर्यावरण को सुरक्षित रखने और गरीब बेटियों को शिक्षित बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
साथ ही उन्होंने आये हुए अतिथियों का भी स्वागत किया। कार्यकम की अध्यक्षता कृष्ण चंद्र ने किया।
इलाहाबाद में पहली बार लगी किन्नरों को लेकर ऐसी प्रदर्शनी, परम्परा, धार्मिक प्रवृत्ति और आस्था के दिखे रंग।
इस कार्यक्रम में पहल संस्था की अध्यक्ष डॉ. वन्दना सिंह, डॉ. राधा सत्यम के साथ ही अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले नागरिकों, मीडिया के साथियों और समाज सेवियों को सम्मानित किया गया।
संयोजक डॉ. वन्दना ने बताया कि कल के कार्यक्रम में मंडलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल तथा अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित रहेंगे।