हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा 6 फरवरी से प्रारंभ हो रही है। परीक्षा को लेकर बोर्ड की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है। यूपी बोर्ड की ओर से सभी केंद्र व्यवस्थापकों को नकल प्रकरण संबंधित निर्देश जारी कर दिए हैं। डेस्क या आसपास रखी नकल सामग्री तब तक परीक्षार्थी की नहीं मानी जाएगी जबतक इसकी पुष्टि ना हो जाए। मिली चिट से अगर परीक्षार्थी ने नकल किया है या जो लोग नकल करते हुए पकड़े जाएंगे।
उनकी कापियों को मूल्यांकन केंद्र के बजाय क्षेत्रीय कार्यालय भेज दिया जाएगा। अगर छात्र के पास से कोई काॅपी, किताब या अन्य अनुचित सामग्री मिली तो परीक्षार्थी को परीक्षा से बाहर करने के बजाय उससे नकल सामग्री और उत्तर पुस्तिका ले लिया जाएगा। इसके बाद उसे दूसरी उत्तर पुस्तिका दी जाएगी। परीक्षा समाप्त होने पर नकल सामग्री और उत्तर पुस्तिका को क्षेत्रीय कार्यालय भेज दिया जाएगा। वहां उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन होगा।
परीक्षार्थी से पक्ष लेने के बाद परीक्षा समिति उसे पास या फेल करने का निर्णय लेगी। वहीं किसी भी परीक्षार्थी पर केवल शक के आधार पर कार्रवाई नहीं किया जाएगा। ताकि थोड़ी सी चूक से परीक्षार्थी का भविष्य खराब ना हो। परीक्षार्थी की काॅपी, डेस्क, जेब या शरीर से नकल सामग्री बरामद होने पर ही परीक्षार्थी पर कार्रवाई की जा सकेगी। इसके अलावा अगर चिट की राइटिंग छात्र की हैंडराइटिंग से मिलान नहीं हो रहा है तो भी उसे आरोपी नहीं माना जाएगा। मालूम हो कि फरवरी से प्रारंभ हो रही इस बोर्ड परीक्षा में करीब 67 लाख परीक्षार्थी परीक्षा देने बैठेंगे। नकलवीहिन परीक्षा कराने को लेकर बोर्ड ने कई सख्त कदम उठाए हैं।