यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने पंकज सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है। अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के याचियों का आरोप है कि कट ऑफ मेरिट से अधिक अंक होने के बावजूद उनका चयन नहीं हुआ और उनसे कम अंकों वाले चयनित कर लिए गए। याचिका के अनुसार पुलिस भर्ती बोर्ड ने चार दिसंबर 2018 को कट ऑफ मेरिट जारी की। जारी कट ऑफ मेरिट के मुताबिक अन्य पिछड़ा वर्ग का 216.74240, अनुसूचित जाति का 172.94451 और अनुसूचित जनजाति का 135.107 अंक रखा गया। याचियों के अंक इससे अधिक हैं और उन्हें कागजात के सत्यापन व चिकित्सीय परीक्षण के लिए बुलाया गया, जिसमें वे सफल हुए। उसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी सफल हुए लेकिन अंतिम चयन परिणाम में उनका नाम नहीं था। यह भी कहा गया कि 15 दिसंबर 2018 को एक और कट ऑफ मेरिट जारी हुई, जिसमें मेरिट और नीचे आ गई और उसमें आने वाले अभ्यर्थियों का भी चयन हुआ है।
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