आलोक जी ने मातृशक्तिको संबोधित करते हुए कहा कि माताओं बहनों की जिम्मेदारी है कि समाज की कुरीतियों के प्रति माताओं बहनों बच्चियों को जागृत करें अपनी श्रेष्ठ संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में सहयोग करें इससे हमारी संस्कृति की रक्षा होगी । समाज में अनेक कुरीतियां स्वयं ही समाप्त हो जाएंगी ।समाज में टूटे हुए परिवारों को जोड़ा जा सकेगा। समाज के निर्माण में महिलाओं का योगदान सबसे अधिक है। महिला ही बच्चे की पहली शिक्षिका है यानी परिवार की पहली शिक्षिका महिला ही है मां के सिखाए संस्कार बच्चों को गौरवान्वित करते हैं।