उप राष्ट्रपति ने ट्रिपल आईटी में उद्घाटन समारोह में देश के भावी टेक्नोक्रेस्ट को संबोधित करते हुए कहा की देश मे कम्प्यूटर की शुरुआत होने पर उसका विरोध हुआ था। लेकिन आज सबसे उपयोगी है। नायडू ने कहा, देश में कम्प्यूटर की शुरुआत हुई तो उसका भी विरोध हुआ था। जब भी कोई बदलाव होता है तो उसका विरोध होता है। उन्होंने कहा, ट्रिपल आईटी ने कम समय मे बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
आईटी से सुधरी देश की जीडीपी आईटी सेक्टर की वजह से ही देश की जीडीपी में सुधार हुआ है। आईटी सेक्टर में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। नायडू ने कहा, भारत को विश्वगुरु बनाने में टेक्नोक्रेट्स की अहम भूमिका होगी। नायडू ने कहा, आईटी सेक्टर ही देश का भविष्य है। यह मानवाधिकार के क्षेत्र में भी काफी सहायक है। 65 फीसदी आबादी 35 साल से कम की है। शिक्षा रोजगार पाने के लिए ही नहीं, बल्कि ज्ञान बढ़ाने व सोच बदलने के लिए है। शिक्षा के जरिए अपनी क्षमता को बढ़ाकर उसका ज़्यादा उपयोग किया जा सकता है।
देश में महिलाओं का हमेशा सम्मान नायडू ने कहा, इस देश मे महिलाओं को हमेशा उचित सम्मान व महत्व मिला है। नदियों का नाम इसी वजह से स्त्रियों के नाम पर ही रखा गया। देवताओं से पहले देवियों का नाम जोड़ा जाता है। पंचायतों में महिला आरक्षण के ज़बरदस्त नतीजे देखने को मिल रहे हैं। महिलाएं अब तेजी से हर फील्ड में आगे बढ़ रही हैं।
जिन्हें सूर्य नमस्कार से ऐतराज वे चंद्र नमस्कार करें नायडू ने कहा, शिक्षा से बदलाव आएगा। शिक्षा नेचर, कल्चर और फ्यूचर सभी को बदल देती है। प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार इस बारे में काफी गंभीर है। नायडू ने कहा, योग में सूर्य नमस्कार का विरोध पूरी तरह गलत है। जिन्हें एतराज है उन्हें चंद्र नमस्कार कर लेना चाहिए। सिर्फ बहानेबाजी के लिए कुछ लोग ऐतराज जताते हैं, जो गलत है। योग सेहत के लिए ज़रूरी है।
विदेशी भाषाएं बिना आंख का चश्मा नायडू ने कहा, ऑनलाइन व्यवस्थाएं देश के भविष्य के लिए बेहद जरूरी हैं। छात्रों में हमेशा सीखने की भावना होनी चाहिए। टेक्नोक्रेट्स को समाज के बारे में भी सोचना और काम करना चाहिए। नायडू ने कहा, मदन मोहन मालवीय और पंडित नेहरू विद्वता की वजह से महान कहलाते हैं। अपनी जन्मभूमि और मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए। अंग्रेजी में कोई बुराई नहीं, लेकिन मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए। विदेशी भाषाएं बिना आंख के चश्मे जैसी होती हैं। मातृभाषा में भावनाएं जुड़ी होती हैं। भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए। गुरु को कभी नही भूलना चाहिए। सम्मान करना चाहिए। गूगल कभी गुरु की जगह नहीं ले सकता है।
बाथरूम—बेडरूम का पैसा नोटबंदी से बाहर निकला नायडू ने कहा, 50 साल में नही हुआ, वह 5 साल में क्यों नहीं हो सकता। बैंक खाता खोलने का महत्व लोगों को नोटबंदी में समझ आया। बाथरूम और बेडरूम का पैसा नोटबंदी से बाहर आया। उन्होंने कहा, स्वच्छ भारत तन से मन से और धन से तीनों से ही हो सकता है। इस बारे में पीएम का प्रयास सराहनीय है। धन साफ हुए बिना स्वच्छ भारत अभियान का मतलब नहीं है। चाय बेचने से पीएम बनने वाले मोदी से प्रेरणा लेनी चाहिए। मैं भी साधारण किसान परिवार से था। तीन किमी पैदल चलकर स्कूल जाता था। मेहनत से यहां तक पहुंचा हूं।
क्या है सीसीएफ सीसीएफ की मदद से गंगाजल की गुणवत्ता की निगरानी हो सकेगी साथ ही देश भर के शोधकर्ताओं के लिए यह कारगर साबित होगी। सीसीएफ के माध्यम से दो सौ टेराफ्लाप्स, 19 टेराबाइटस मेमोरी और एक पेटाबाइट रेस्टोरेंट्स क्षमता से लैस अत्याधुनिक सुविधा शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए मददगार साबित होगी। सीसीएफ में तीन महत्वपूर्ण तकनीकों हाई परफारमेंस कंप्यूटिंग एचपीसी प्लास्टर बिग डाटा और क्लाउड कंप्यूटिंग को एक साथ उपलब्ध कराएगा।
आईआईटी का 20वां वर्ष इससे पूर्व ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रोफेसर पी नागभूषण ने उप राष्ट्रपति का स्वागत किया। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना के बीसवें वर्ष के समारोह के अवसर पर उप राष्ट्रपति ने “Beyond Twenty by 2020” कार्यक्रम का उदघाट्न किया। साथ ही कैम्पस के लिए इनोवेशन और इनक्यूवेशन सेन्टर और इंडोर स्पोर्टस् काम्प्लेक्स का उदघाटन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल राम नाइक ने की।