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गंगा और यमुना का जलस्तर 84. 73 मीटर के बाद खतरे के निशान को पार कर जाएगा रविवार की रात 10 बजे तक फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 81.73 मीटर गंगा का छतनाग में 84.73 मीटर रिकार्ड नैनी में यमुना का जलस्तर 81.66 मीटर दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। यमुना का जलस्तर 5.5 सेंटीमीटर प्रति घंटा और गंगा के जलस्तर में 7. 25 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है । बाढ़ की स्थिति को देखते हुए शहर और जिले के निचले इलाकों में रहने वालों को वहां से सुरक्षित हटने के लिए कह दिया गया है साथ ही बाढ़ से निपटने के लिए कर्मचारियों और एनडीआरएफ को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
एक तरफ जहां बाढ़ की स्थिति प्रशासन और लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है । वही रविवार की देर रात मां गंगा का हनुमान मंदिर में प्रवेश कर जाने से शहर वासियों और संत समाज में खुशी भी रही । रविवार की देर रात गंगा का जल संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर में प्रवेश कर गया । इसे शुभ माना जाता है मान्यता है कि जिस वर्ष गंगा जी हनुमान मंदिर जी को स्नान कर आती है । उस वर्ष प्रदेश और देश भर में खुशहाली संपन्नता आती है । इसलिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मोहन मंदिर के महंत नरेंद्र गिरी ने हनुमान जी महाराज के मंदिर में प्रवेश करती हुई गंगा मां का स्वागत किया । गंगा की जलधारा पर फूलों की वर्षा कर के मंत्रोच्चारण के बीच उनके आगमन पर मां गंगा की आराधना की महंत नरेंद्र गिरी ने गंगा जी के मंदिर में प्रवेश करते ही विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की। संगम तट पर बंधवा हनुमान जी महाराज को नगर का कोतवाल कहा जाता है । हर वर्ष संत महंत सहित नगर वासियों को माँ गंगा के मंदिर में आने हनुमान जी को स्नान कराने का इंतज़ार रहता है।