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नरेंद्र गिरि ने आद्या तिवारी से छीने थे कई अधिकार, आनंद गिरि के साथ मिलकर महंत को बदनाम करने की रची गई साजिश

locationप्रयागराजPublished: Nov 23, 2021 04:32:38 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

30 मई को महंत नरेंद्र गिरि ने हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी को उनके पद से हटा दिया था। इतना ही नहीं मंदिर परिसर स्थित उनके दोनों बेटों की दुकानें भी छीन ली थी। इसी कारण महंत नरेंद्र गिरि से आद्या और संदीप की दुश्मनी हो गई और दोनों खुलकर आनंद गिरि के साथ आ गये।

when mahant narendra giri removed aadhya tiwari from post of priest
प्रयागराज. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ब्लैकमेलिंग से इतना परेशान हो गये थे कि उन्हें सुसाइड जैसा कदम उठाना पड़ा। खबरों के मुताबिक, ब्लैकमेलिंग में आनंद गिरि का साथ आद्या तिवारी ने भी दिया। आद्या तिवारी हनुमान मंदिर के अधिकार छीने जाने से महंत नाराज था। मौके पर मिले सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि के अलावा आद्या तिवारी और संदीप तिवारी पर भी गंभीर आरोप लगाये थे। 30 मई को महंत नरेंद्र गिरि ने हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी को उनके पद से हटा दिया था। इतना ही नहीं मंदिर परिसर स्थित उनके दोनों बेटों की दुकानें भी छीन ली थी। इसी कारण महंत नरेंद्र गिरि से आद्या और संदीप की दुश्मनी हो गई और दोनों खुलकर आनंद गिरि के साथ आ गये। संदीप ने ही चारों तरफ प्रचारित किया था कि महंत नरेंद्र गिरि का एक आपत्तिजनक वीडियो आनंद गिरि के पास है। इससे संबंधित कई ऑडियो क्लिप सीबीआई को मिले हैं, सीबीआई ने चार्जशीट में विस्तार से इन बातों का उल्लेख भी किया है।

प्रयागराज नैनी के अरैल निवासी आद्या प्रसाद तिवारी हनुमान मंदिर में वर्षों से पुजारी है। मंदिर में ही आद्या का बड़ा बेटा दिलीप तिवारी प्रसाद और छोटा बेटा संदीप तिवारी फूल माला की दुकान चलाता था। महंत नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के विवाद के दौरान संदीप मठ और मंदिर में होने वाली गतिवधियों के बारे में आनंद को बताता था। इसकी भनक नरेंद्र गिरि को लगी तो वह बहुत नाराज हुए और संदीप को जमकर लताड़ लगाई। इस बीच संदीप ने ही चारों तरफ नरेंद्र गिरि के आपत्तिजनक वीडियो की अफवाह उड़ा दी। इसी मुद्दे पर संदीप के दोस्त पुरुषोत्तम और नरेंद्र गिरि के करीबी लवकुश मिश्रा के बीच फोन पर ही तीखी बहस हो गई थी। एक ने नरेंद्र गिरि और दूसरे नंबर आनंद गिरि को अपशब्द कहे। संदीप ने बातचीत की रिकॉर्डिंग आनंद गिरि को और आनंद गिरि ने निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी को भेजा जो नरेंद्र गिरि तक पहुंची।
महंत नरेंद्र गिरि और आद्या में हुई थी बहस
30 मई 2021 को नरेंद्र गिरि ने बड़े हनुमान मंदिर स्थित कार्यालय में बुलाया। पुरुषोत्तम के साथ आद्या आया था। नरेंद्र गिरि पुरुषोत्तम से पूछा कि ऑडियो किसने रिकॉर्ड किया था तो आद्या ने उससे नाम बताने से मना कर दिया। इससे महंत भड़क गये और उसे तुरंत मंदिर से निकल जाने को कहा। आद्या ने पलटवार करते हुए कहा, आप यहां 2004 में आये हैं और मैं 1978 से हनुमान मंदिर का पुजारी हूं। मुझे ऐसे बाहर नहीं निकाला जा सकता। नाराज नरेंद्र गिरि ने आद्या को तुरंत ही पुजारी बद से हटा दिया और दोनों बेटों की दुकानें छीन लीं। विवाद के अगले ही दिन आद्या ने महंत नरेंद्र गिरि से माफी मांग ली थी। कुछ दिनों बाद उसे दोबारा पुजारी के पद पर बहाल कर दिया गया था लेकिन, तमाम अधिकार छीन लिए गए जिसमें जिसमें दान के पैसों का हिसाब किताब भी शामिल था। इसके बाद दोनों खुलकर आनंद गिरि के पक्ष में आ गये।
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